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डीपीएल प्रबंधन ने वीआरएस की घोषणा कर दी

फ़ाइल फोटो

दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड (डीपीएल) को सुधारने की कोशिश राज्य सरकार की ओर से हो रही है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुर्गापुर में प्रशासनिक बैठक के दौरान दुर्गापुर के दौरे पर आयी थी, जहाँ उन्होंने कहा कि था कि डीपीएल से किसी की नौकरी नहीं जाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री के दुर्गापुर दौरे के एक दिन बाद ही डीपीएल प्रबंधन ने स्वेचछा सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की घोषणा कर दी। जिससे अब प्रश्न उठ रहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री किसी की नौकरी नहीं जाने की बात कहती है, दूसरी ओर प्रबंधन नौकरी छीनना चाहता है।

वीआरएस योजना को लेकर श्रमिक संगठनों ने प्रश्न उठाया। श्रमिक संगठनों के नेताओं का आरोप है कि अगर यहाँ कोकोवेन यूनिट चलती तो डीपीएल के सुधारने में कर्मी की संख्या कम करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन सरकार या प्रबंधन की ओर से कोकोवेन यूनिट को चालू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इंटक नेता उमापद दास ने कहा कि वीआरएस के लिए प्रबंधन ने श्रमिक संगठनों के साथ कोई चर्चा नहीं की। अब भी वीआरएस को लेकर कई प्रश्न अधूरा है।

वहीं डेढ़ हजार ठेका श्रमिकों का क्या होगा? प्रबंधन को वीआरएस योजना के बजाय श्रमिकों के तबादले की नीति अपनानी चाहिए थी। सीटू नेता नरेन सिकदर ने कहा कि मुख्यमंत्री कहती हैं कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी, लेकिन वीआरएस से कई कर्मी बेरोजगार हो जाएँगे।

जबकि तृकां ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ पड़ियाल ने कहा कि ये 2-3 वर्ष पुरानी योजना है, जिसका फार्मूला तैयार हुआ है। जो कर्मी सेवानिवृत्त होने के कगार पर है, जो शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है, वे वीआरएस दे सकते है। सरकार डीपीएल की हालत सुधार करने के लिए भी प्रयास कर रही है।

Last updated: दिसम्बर 4th, 2018 by Durgapur Correspondent