नियामतपुर -माइंस रेस्क्यू अधीक्षक अपूर्वा ठाकुर पर उनके ही अधिनस्त कर्मचारी निर्मल सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके द्वारा धार्मिक भेदभाव के तहत बाल और दाढ़ी कटाने का निर्देश दिया गया है. जिसे पूरी तरह से निराधार बताते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि किसी तरह का किसी से कोई भेदभाव नहीं किया गया है, बल्कि नियमानुसार सुरक्षा के प्रति सभी को सतर्क और सजग रहने का निर्देश उच्च स्तरीय है. उन्होंने बताया हमारा कार्य ईसीएल के कोयला खादान में विपत्ति के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का है और उस दौरान हमारे कर्मी एक खास तरह का ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल करते है और यदि चेहरे पर बड़ी दाढ़ी और सिर पर बड़े-बड़े बाल होंगे तो उक्त मास्क सही से फिट नहीं हो पायेगा और ऑक्सीजन गैस लीक होने के साथ ही बाहरी जहरीली गैस कर्मी के शरीर में सांस के जरिये प्रवेश कर जायेगी. जिससे दुर्घटना वाले समय पर यदि वो कर्मी खादान में जाता है तो उसकी मृत्यु तय है. रेस्क्यू अधीक्षक अपूर्वा ठाकुर ने बताया कि मास्क निर्माता जर्मन कंपनी ड्रेगर ने साफ निर्देश दिया है कि जिसके चेहरे पर दाढ़ी होगी वो इसे व्यव्हार नहीं कर सकते है. इसके अलावा अमेरिका की कम्पनी बायो माइनिंग, बीस, नॉइस एवं डीजीएमएस ने भी इसी तरह के निर्देश दिए है, जिसके कारण निर्मल सिंह को इस प्रशिक्षण से दूर रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि श्री सिंह को इसके स्थान पर दूसरा कार्य दिया जा रहा है, चुकी उनके चेहरे पर बड़ी-बड़ी दाढ़ी है और मास्क उनके चेहरे पर सही से फिट नहीं हो पायेगा और जब वे इसी स्थिति में दुर्घटना वाले खादान में जायेंगे तो ऑक्सीजन लीक होने के कारण बहुत ही जल्द ख़त्म हो जायेगा साथ ही जहरीली गैस उन्हें नुकसान पहुँचा सकती है और मैं इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकता, क्योंकि सभी की जिम्मेवारी मुझपर है. उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था अपनी जगह है लेकिन कार्य के दौरान सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझोता नहीं किया जा सकता है, यदि किसी कर्मी के साथ कोई हादसा हो जाता है तो इसकी जवाबदेही मुझपर ही है.
चुल-दाढ़ी कटवाने का आदेश सुरक्षा मानको के तहत – ए.ठाकुर
Last updated: मई 3rd, 2018 by