व्रत का संकल्प लेते वक्त ये मंत्र बोलें – ‘ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये’
इस दिन शाम को व्रती को सूती साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं. इस दिन छठ पूजा के टोकरी में पूजन सामग्री रखकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
शाम को सूर्यास्त के समय नदी या तालाब में खड़े होकर स्नान किया जाता हैँ,फिर गेहूं के आटे और गुड़, शक्कर से बने ठेकुए और चावल से बने भुसबा, गन्ना, नारियल, सुथनी, शकरकंदी, लाल सिंदूर, केला, नाशपाती, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई, चंदन, हल्दी, सेब, फल-फूल बांस से बनी डलिया या सूप में सजा कर छठ घाट पर ले जाया जाता हैँ तत्पश्चात
बांस के सूप में दीपक प्रज्वलित करें, तांबे के लौटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत, गंगजाल डालें और पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दें. जल चढ़ाते वक्त पानी की धारा बनाकर अर्घ्य दें जिसके बाद
सूर्य देव और छठी मईया से मनोकामना पूर्ती की प्रार्थना करें और फिर पानी में ही तीन बार परिक्रमा लगाएं.
सूर्य को अर्घ्य देने के मंत्र
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
लोक आस्था के इस महापर्व में सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की संध्या अर्ध्य पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं, माँ छठ की महिमा रूपी पर्व में हमारा मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क सभी को ढेर सारी सुभकामनाये देता हैँ और आशा करता हैँ कि माँ छठ की महिमा सबों पर बनी रहे जय छठ माँ
छठ महापर्व में डूबते सूर्य के अर्ध्य देने के साथ ही कल उगते हुए सूर्य देव का इंतजार हैँ सभी छठवर्तियों को माँ छठ की महिमा हैँ अपरम्पार

Last updated: अक्टूबर 30th, 2022 by