कोरोना की कहर और उससे हुए लॉकडाउन के बाद पूरे देश में उत्पन्न हुए भागदौड़ की स्थिति ने आसाम की कमरूकामख्या से छत्तीसगढ़ रायपुर जाने को अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ निकली महिला 24 मार्च को भटककर पश्चिम बंगाल के झारखंड सीमा डिबूडीह चेकपोस्ट पहुँच चुकी थी, घर जाने को विचलित महिला ने कहा कि स्टेट बस ने उन्हें जबरन चेकपोस्ट पर उतार दिया । दो बेटी,दो बेटा, और दुधमुँहे बच्चे के साथ चेकपोस्ट की पार्किंग पर रोते बिलखते परिवार की सूचना पाकर पहुँचे चेकपोस्ट के चौरंगी फांड़ी प्रभारी अनंतो रॉय । उन्हें देखकर परिवार के लोग और भी रोने बिलखने लगे, चौरंगी पुलिस ने लॉक डाउन की समस्या को देखते हुए पास ही स्थित वाटिका होटल में सभी को रहने का प्रबंध किया और लगातार सभी को छत्तीसगढ़ भेजने का प्रयत्न करते रहें ।
बताया जाता है कि चौरंगी फांड़ी प्रभारी अनंतो राय ने अपने वरीय अधिकारियोंं से आदेश लेकर तथा महिला को पुलिस द्वारा निर्गत जरूरी कागजात उपलब्ध कराने के बाद शुक्रवार को किराये के वाहन से छत्तीसगढ़ भेज दिया । जाते-जाते महिला और उनके बच्चों ने पुलिस द्वारा किए गए उपकार को कभी नहीं भूलने की बात कही ।
32 वर्षीय महिला बेबी सिंह ने बताया कि बेटी मनीषा(19), अमीषा(14),रौशन(11),राकेश(8), एवं 2 माह के नाती यश को लेकर आसाम से छत्तीसगढ़ जाने को निकली थी, कोलकाता में भगदड़ की स्थिति सुनकर वे लोग गलत बस में सवार हो चुके थे, जहाँ डिबूडीह पहुँचने पर बस वालों ने उनलोगों को जबरन उतार दिया था।
सुबह परिजनों को विदाई देने पहुँचे चौरंगी एएसआई बी गोप एवं कुल्टी ट्रैफिक गार्ड एएसआई एजाज़ खान ने बच्चों के हाथ के जरूरत की सामान देकर विदाई दी और कहा कि रास्ते में कही भी कोई परेशानी हो तो फ़ोन पर जानकारी देते रहें ।