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चंडीगढ़ में चित्रगुप्त प्रगटोत्सव की तैयारियाँ आरम्भ

चंडीगढ़:चित्रगुप्त प्रगटोत्सव की तैयारियाँ आरम्भ हो गयी हैं। इसके लिए कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय के सदस्यों ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया हैं। भगवान चित्रगुप्त जी के अवतरण पर्व देश-विदेश में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।

हर्षोल्लास के साथ चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाता चला आ रहा है। इस वर्ष यह 19 अप्रैल को जनपद में मनाया जायेगा।

भगवान चित्रगुप्त जी जो प्राणियों के चित्त में गुप्त रूप से विराजित होकर उनके शुभ-अशुभ कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले प्रभु चित्रगुप्त जी का अवतरण पर्व देश में चैत्र पूर्णिमा के दिन काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। कहीं प्रभु की मनोरम झाँकी निकलती है, तो कहीं रथयात्रा, कहीं पूजा की जाती है तो कहीं भण्डारा, इस दिन लोग अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर पूरे परिवार के साथ प्रभू चित्रगुप्त जी का स्वागत करते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।

पुराणों में वर्णित है कि भगवान विष्णु जी की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि का निर्माण किया और सभी जीव-जन्तुओं की उतपत्ति की ओर सृष्टी के संचालन की व्यवस्था की जिम्मेदारी यमराज जी को सौंपी गयी। तो उन्होंने अकेले इस पूरे कार्य को सम्पादित करने में असमर्थता जताई। फिर यमराज ने ब्रह्मा जी से निवेदन किया कि है ! प्रभु मुझे एक ऐसा सहायक दीजिये जो लेखा-जोखा रखने में निपुण हों, लेखनी पर जिनका अधिपत्य हो, विराट स्वरूप धारी हों, तब ब्रह्मा जी ने यमराज जी की मांग के अनुसार उनका काल्पनिक चित्र हृदय में धारण किये महाकाल की नगरी उज्जैन के शिप्रा नदी के तट पर अंकपात नामक स्थान पर ध्यानमग्न हो गए। 11000 वर्षों की साधना के पश्चात् चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान चित्रगुप्त जी का अवतरण हुआ।

कायस्थ वाहिनी के सदस्यों ने कहा कि कायस्थवाहिनी प्रमुख, कायस्थ शिरोमणि, कायस्थ रत्न, गुरूदेव पंकज भइया कायस्थ जी के आवाह्न का मान रखते हुये भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा मैं सभी लोगों को शामिल होने का निवेदन किया। इस बैठक में मुख्य रूप से , अरबिंद श्रीवास्तव,मयंक सक्सेना, शानू श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव ,अमन सक्सेना, पूजा कुलश्रेष्ठ , प्रीती श्रीवास्तव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

Last updated: मार्च 11th, 2019 by News Desk Monday Morning