चित्तरंजन/सालानपुर। सर्वाधिक विद्युत रेलइंजन निर्माण के क्षेत्र में भारतीय रेल के मान चित्र के शिखर पर विराजमान चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) की सहायक इकाई ईएलएएयू/ डानकुनी ने कोरोना के तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 12 अगस्त 2021 को 200 रेलइंजनों का उत्पादन कर एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। ज्ञातव्य हो कि 2014 में स्थापना केपश्चात चिरेका की ईएलएएयू/डानकुनी इकाई द्वारा 200वां रेलइंजन का उत्पादन किया गया।
श्री सतीश कुमार कश्यप, महाप्रबंधक/चिरेका ने आज 12 अगस्त 2021 को इस 200वें रेलइंजन (डब्लूएजी 9 एचसी/32936) को वर्चुअल माध्यम (वीसी) से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर सभी विभागों के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। इस मौके पर कोविड–19 के सुरक्षा मानकों का भी पालन किया गया।
महाप्रबंधक महोदय के मार्गदर्शन और नेतृत्व में उनके द्वारा निरंतर उत्साहवर्धन तथा कोविड प्रतिबंधों के बावजूद आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर दिशा निर्देश से ही यह उपलब्धि हासिल हुई है।
श्री सतीश कुमार कश्यप,महाप्रबंधक/चिरेका ने इस सफलता के लिए ईएलएएयू, डानकुनी/चिरेका परिवार की सदस्यों के योगदान की सराहना की ओर पुरी टीम को बधाई दी है।