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चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना ने विद्युत रेलइंजन निर्माण के क्षेत्र में रचा नया कीर्तिमान

चिरेका से 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार का डब्ल्यूएपी -7 रवाना

चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका ) ने विद्युत रेलइंजन निर्माण के क्षेत्र में फिर एक नया कीर्तिमान रचा है,जिसने डब्ल्यूएपी -7,जो कि 160 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ़्तार की क्षमता रखता है. उसका निर्माण कर सफलतापूर्वक रवाना कर दिया है । इस रेलइंजन,डब्ल्यूएपी-7 को देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया गया। इस इंजन के सफल परीक्षण के उपरांत इसका उपयोग देश के अधिक गति क्षमता वाले राजधानी,शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेन के इंजन के रूप में हो पायेगा।

श्री प्रवीण कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, चिरेका ने कारखाना स्थल से एक सादे समारोह में इस रेल इंजन का शुभ उद्घाटन किया। इस अवसर पर रामप्रकाश,पी सी ई ई विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित कर्मचारीगण उपस्थित थे।

यह डब्ल्यूएपी 7, विशेष रूप से काफी शक्तिशाली यात्री रेल इंजन है, जो उच्च गति वाले रेलगाड़ियों के 24 कोच तक को खींचने की क्षमता रखता है। इस इंजन के निर्माण की सफलता से यात्री रेलगाड़ियों की गति बढ़ेगी और यात्रा के समय में भी कमी आएगी।

इसमें है कई तकनीकी खूबियाँ

मेक इन इंडिया के तर्ज पर इसका आतंरिक विकास, रंग रूप और आकार-प्रकार भी चिरेका में तैयार किया गया है। तकनीकी रूप से गति क्षमता को बढ़ाने के लिए इसके वजन को 14 टन कम किया गया है, साथ ही गियर रेशियो को 3.6(72:20 )से 3.2 (70:22)तक परिवर्तित किया गया है। इसके सॉफ्टवेयर रूपांतरण के कारण स्लिप स्लाइड नियंत्रण और खींचने की क्षमता को नियंत्रित किया गया है।

इस इंजन के निर्माण से भारतीय रेल के लिए यह विद्युत रेल इंजन नयी तकनीक के क्षेत्र में नयी पहचान बनायेगा।

Last updated: मार्च 1st, 2019 by kajal Mitra