चित्तरंजन। प्रवीण कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना अपने रेल सेवा काल को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए 31 अक्टूबर 2020 को रेल सेवा से सेवानिवृत्त हो गए।
महाप्रबंधक ने लगभग 2 वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान चिरेका में विद्युत रेल इंजन उत्पादन के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए। कुल, 853 विद्युत इंजनों का निर्माण इनके कार्यकाल के दौरान सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जो एक अबतक का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
मिश्रा ने 31 अक्टूबर 2020 को, 853 वें रेल इंजन, डब्लयू ए जी -9 एच सी (32972) को अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में चिरेका लोको साइडिंग से हरी झंडी दिखाकर देश सेवा के लिए रवाना किया।
ज्ञात हो कि अक्टूबर 2020 माह में, 40 रेल इंजन का उत्पादन किया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के अक्टूबर 2020 तक कुल 175 इंजनों का रेखांकित उत्पादन किया गया है। यह उत्पादन चिरेका के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज की जाएगी।
महाप्रबंधक महोदय के बेहतर नेतृत्व और कार्यकाल के दौरान, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना को क्रमशः वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में 402 और 431 विद्युत रेलइंजन के उत्पादन क्षमता के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मान और प्रमाणित स्थान मिला।पीयूषगोयल, रेल मंत्री ने भी 31-10-20 को प्रेषित अपने सराहना पत्र में उल्लेख किया की चिरेका की उत्पादन क्षमता को ऊंचाई तक ले जाने के लिए महाप्रबंधक के द्वारा कई बेहतरीन प्रयास किए गए है जो सराहना के काबिल है।