मासूम को क्या पता कि कोरोना वाइरस कितना खतरनाक है। उसके लिए तो भूख ही सबसे बड़ी वाइरस है। जिसका इलाज सिर्फ पेट भर कर ही किया सकता है साहब। तभी तो रोज़ाना एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तयकर प्लेट लेकर भूख मिटाने निकल पड़ते है।
बच्चे रोजाना प्लेट लेकर लोयाबाद थाना में जाते हैं और पेट की आग शांत करते है। ये सभी बच्चे हरिजन कॉलोनी के बताए जाते हैं। ज्ञात हो कि लॉक डाउन में पुलिस द्वारा गरीबों के लिए सामूहिक किचेन संचालित है। पुलिस के पास पत्तल की कमी है।
पुलिस का कहना है लोग घर से प्लेट लेकर खाना के लिए यहाँ आया करे। बच्चे से जब पूछा गया तो कहा बहुत जोर की भूख लगी है। घर में भात नहीं पक रहा है। थाना के पास भात खाने को मिलता है। इस मासूम के जवाब पर मौजूद यहाँ कुछ लोगों का दिल भर आया। मासूम की बात सुनकर समाज सेवी मनोज बर्णवाल। दुकान से बिस्किट लाकर बच्चों के बीच बाँटने लगे।