बच्चों के भविष्य के लिए सफलता घर से शुरू होती है

बच्चों के भविष्य के लिए सफलता घर से शुरू होती है। बाल विकास की धारणा न तो संक्षिप्त है न सूक्ष्म और न ही अस्पष्ट है। कुछ अभिभावक बच्चों को खुशी का जरिया मानते हैं तो कुछ उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का ज़रिया मानते हैं। हमारा शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण बच्चों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें अपनी शैक्षिक यात्रा को कैसे पूरा करना है, उसकी राह दिखाता है।

अपने बच्चों को गृह कार्य और सामाजिक कार्य के लिए प्रेरित करें

इसके पहले कि वह किसी तरह की शंकापूर्ण नकारत्मकता का दम्भ पाल लें,अभिभावकों की प्यार भरी निकटता उनकी कुशलता की इमारत खड़ी करने में सहायता करती है और तब वह अपनी शैक्षिक धरती पर संघर्ष करने में सफल होता है। अभिभावकों का मार्गदर्शन,और पुनरावृत्ति बच्चों की नींव तैयार करने में सहायता करती है और स्कूल के अंदर और बाहर नई चीज़ों को कैसे सीखा जाय, उनकी इस इच्छा को भी बढ़ावा देती है। औपचारिक शिक्षा के अवसर को और भी विस्तृत करने के लिए उन्हें गृह आधारित सामाजिक कार्य भी करवाने चाहिए। इसके बाद सभी अभिभावकों को भी इस कार्य मे हिस्सा लेना चाहिए जिसमें वह अपने बच्चों को कर के सीखने की विधि अपनाने को कहें और विषय को तर्कपूर्ण ढंग से समझाएं।

अपने बच्चों के सलाहकार बनें, उन्हें निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं करें

अभिभावक,शिक्षक,बड़े लोग और मित्रों का बच्चों के विकास में एक महत्वपूर्ण भाग होता है और विशेष रूप से परिवार और शिक्षकों का बहुत महत्व होता है। अभिभावकों का बच्चों को नियमित रूप से पढ़ने के लिए भेजना सकारात्मक और नकारात्मक दोनो ही रूप से प्रभावित करता है। वास्तव में उन बच्चों को अभिभावकों के परामर्श की जरूरत होती है न कि पढ़ाई के लिए बाध्य करने की। आने वाले वर्षों में इस तरह की समस्याओं में क्रमशः वृद्धि हो सकती है।

अपने बच्चे से बात करें , उन्हें निर्देश न दें

अभिभावकों की काउंसलिंग और घर के वातावरण को सुचारू रूप से रखना भी निर्णायक होता है। यदि अभिभावक बच्चों के प्रति अपने प्यार को तो प्रदर्शित करते हैं , पर अपने को अलग थलग रखते है तो यह नकारत्मकता धीरे धीरे बच्चे भी अपना लेते हैं। अभिभावकों को बच्चों से बातचीत करने का स्वस्थ तरीका अपनाना चाहिए, नहीं तो बच्चों में आपसी समझ की कमी से असुरक्षा की भावना विकसित हो सकती है। स्कूलों को भी अभिभावकों को परामर्श देने के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए, यह बच्चों की समस्याओं को ढूढ़ने की चाभी हो सकती है।

आपका सही परामर्श ही आपके बच्चे के जीवन को नयी दिशा देंगे

परामर्श बच्चों को प्रोत्साहित करने की एक नई विचारधारा है जिससे बच्चे व्यवहार,धारणा और बातचीत करने की कला में अपने को उचित रूप से ढाल सकते हैं। एक स्वस्थ वातावरण में बच्चे एक सुखद अनुभव के साथ एक फूल के रूप में खिलते है और यह बच्चे में आत्मविश्वास,आत्म उत्साह और फैसला लेने की आदत को जन्म देता है। किसी भी विषय को जाने बिना मात्र पुस्तकीय ज्ञान और बुद्धि बच्चों कोनिरर्थक और अविश्वासी बना देती है।

Last updated: सितम्बर 29th, 2017 by Jiban Majumdar
Jiban Majumdar
Columnist from Pune (Maharashtra) Active in generating Social Awareness campaign
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