पांडेश्वर । चैती छठ महापर्व के डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के लिये नदियों तालाबों और पोखरिया खदान में छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी । सुबह से ही छठ गीतों के साथ छठ पूजा का प्रसाद बनाने के बाद छठ व्रती एवं श्रद्धालु छठ गीत गाते हुए नदी तालाबो की ओर माथे पर छठ दौरा लेकर चलते दिखे ।
कार्तिक माह जैसा भीड़ नहीं हो लेकिन छठ व्रतियों में और परिवार वालों में भक्ति भाव जबरदस्त दिखने को मिला । सभी छठ व्रतियों ने अपने अपने सुविधा के अनुसार नदी तालाबों और सरोबरों में पहुँच कर पानी में खड़े होकर सूर्य देव की पूजा अर्चना करने के बाद डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया ।
पंडित संतोष पांडेय ने बताया कि सूर्य आराधना का सबसे बड़ा पर्व छठ है । कार्तिक महीना में ढंड का मौसम रहने से छठ व्रतियों में एक अलग प्रकार का उत्साह रहता है और ज्यादा व्रती उपवास करते है । चैत महीना गर्म का महीना होता है इस महीना में कुछ कम व्रती उपवास करती है लेकिन सभी नियम और विधि एक सामान ही होता है और श्रद्धा और विश्वास से किया जाने वाला छठ व्रत मनोकामना पूर्ण करने वाला होता है ।
छठव्रती शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत का समापन करेगी ।