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छतरपुर में विकास के नाम पर हो रही पर्यावरण की अनदेखी की मार झेल रहे ग्रामीण

पलामू के छतरपुर के आस-पास के इलाकों में महज 5-7 सालों के अंदर पत्थर माइंस की संख्या में असाधारण वृद्धि हुई है । जिनमें से कुछ पत्थर माइंस नियमों को ताख पर रख कर खुदाई कार्य कर रहे है जिसका नतीजा ये हुआ कि असमय ही भू जलस्तर नीचे चला गया, अंधाधुंध उत्खनन से पीने का जल भी मटमैला हो गया है जिनसे बच्चों बूढों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पर रहा है ।

संभव है सरकार इसे विकास का नाम देे लेकिन जनमानस के लिए अभिशाप से कम नहीं । खदान में हो रहे विस्फोट से ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर है उनके कच्चे मकान को भी काफी नुकसान पहुँचता है ।

ग्रामीणों ने पहाड़ खुदाई का किया अनोखा विरोध, शिवलिंग स्थापित कर निकाली कलश यात्रा

ग्रामीण लगातार अलग अलग तरीके से विरोध भी जताते अधिकारियों के दफ्तर भी भटकते लेकिन निराशा के सिवा कुछ हाथ नहीं लग रहा । उदाहरणतः छत्तरपुर स्थित नौडीहा के तेलियदिह निवासियों ने विरोध का एक अहिंसात्मक रुख अपनाया ।

जैसे ही ग्रामीणों को यह अपने इलाके में माइंस के लिज होने की जानकारी मिली उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया ,और जिस पहाड़ी का लिज हुआ था उस जगह पर भव्य कलश यात्रा के पश्चात प्राण प्रतिष्ठा कर शिवलिंग की स्थापना कर दी उनका कहना है कि यहाँ माइंस नहीं मंदिर बनेगा।

उनका कहना था कि पहाड़ी के आस-पास खेती होती है माइंस से उनका काफी नुकसान होगा साथ ही पर्यावरण पर भी असर होगा । बिना ग्रामीणों को सूचित किए पंचायत प्रतिनिधि के मिली भगत से ये कार्य गैरकानूनी ढंग से किया जा रहा, इस बाबत ग्रामीणों ने सीओ से उच्चस्तरीय जाँच की बात भी कही ।

Last updated: मार्च 13th, 2019 by News Desk Monday Morning