मधुपुर -चोंगाखार गाँव में एक चापाकल के भरोसे पूरे गाँव की प्यास बुझती है । गाँव में तो कई चापाकल है, लेकिन अधिकांश चापाकल खराब हैं तो कुएं सूख गए हैं। जिन कुओं में थोड़ा बहुत पानी है वह भी अंतिम सांस ले रहे हैं । अभी गर्मी ने दस्तक ही दिया है ।जैसे-जैसे पारा बढ़ेगा पानी का लेयर और घटेगा। लेकिन पानी की यह त्रासदी से सिर्फ शहरवासी ही नहीं बल्कि गाँव के लोग भी त्रस्त हैं । सिस्टम आने वाली समस्या से निपटने और चुनौती का सामना करने के लिए पहले से तैयारी नहीं करता है जिसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ता है।
Last updated: मार्च 24th, 2019 by