करीब 4 घंटे का होगा चंद्रग्रहण
आसनसोल -27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चन्द्र ग्रहण लगेगा. चंद्र ग्रहण के शुरू होने से समाप्त होने तक का समय करीब 4 घंटे का होगा. उक्त जानकारी प्रख्यात पंडित ऋषि कान्त मिश्र ने दी. उन्होंने बताया कि यह संयोग 104 साल के बाद बन रहा है, चंद्र ग्रहण 27जुलाई की मध्य रात्रि में 11 बजकर 55 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस ग्रहण को कम से कम तीन महाद्वीपों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है, जिसे ब्लड मून अर्थात रक्तिम चांद भी कहा जाता है.
रक्तिम चंद्र या लाल चांद
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चांद जब धरती की छाया में रहता है तो इसकी आभा रक्तिम हो जाती है, जिसे रक्तिम चंद्र या लाल चांद कहते हैं, ऐसा तब होता है जब चांद पूरी तरह से धरती की आभा में ढँक जाता है. जानकारी देते हुए आगे उन्होंने बताया कि भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण म्यांमार, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान चीन, नेपाल, एशिया, अफ्रीका, यूरोप,अंटाकर्टिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका के मध्य और पूर्वी भाग में दिखाई देगा.
बरते सावधानियाँ
पंडित ऋषि कान्त मिश्र ने इस दौरान कुछ सावधानियों की जानकारी देते हुए कहे कि चन्द्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलायेंं घर से बाहर ना निकलें, सुई व नुकीली चीजों का उपयोग करने से भी बचना चाहिए,
सूतक प्रारम्भ रात्रि 02. 54
मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान लोगों को कुछ भी नहीं खाना चाहिए. अगर कुछ खाने का मन है, तो चंद्रग्रहण शुरू होन के पहले खा सकते है. उन्होंने बताया कि 27जुलाई 2018 को चंद्रग्रहण रात्रि 11.54 में प्रारम्भ होकर सुबह 03 49 तक रहेगा. सूतक प्रारम्भ रात्रि02:54 को होगा. गुरुपूर्णिमा वाले दिन लगने वाला यह चंद्रग्रहण 235 मिनट तक रहेगा. इस दौरान जप-तप दान के लिए विशेष महत्त्व है. इस दिन गुरुपूर्णिमा का उत्सव एवं सम्बब्धित गुरु-पूजन इत्यदि ग्रहण के सूतक प्रारम्भ रात्रि 02. 54 होने से पहले ही संपन्न कर लेना शुभ रहेगा.