अधिकतर मानसून आने के बाद बरसात के मौसम में बिजली गिरने और कड़कने की घटनाएं सामने आती हैं। लोग इसे प्राकृतिक आपदा मानते हैं। हालांकि मानसून में बारिश के दौरान बिजली गिरने (वज्रपात) और चमकने की घटना नम और शुष्क हवा के साथ बादल के टकराने से होती है। ऐसे में आप कुछ सावधानियां बरत कर इससे होने वाले खतरे को टाल सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाएं। खिड़की के कांच, टिन की छत, गीले सामान और लोहे के हैंडलों से दूर रहें। वज्रपात के वक्त अगर आप पानी में हैं तो तुरंत बाहर आ आप पानी में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं। अगर आप इस दौरान के खुली जगह पर हों तो कान पर हाथ रखकर एड़ियों को आपस में मिलाकर जमीन पर बैठ जाएं।
सफर के दौरान अपनी गाड़ी के शीशे चढ़ाकर रखें। मजबूत छत वाले वाहन में ही रहें, खुली छत वाली कार में न बैठें।
वज्रपात के दौरान पेड़ के नीचे न खड़े रहें। बिजली उपकरणों, स्विचों, तारों और टेलीफोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। दीवार के सहारे टेक लगाके न खड़े हों। किसी बिजली के खम्भे के पास न खड़े रहें। अगर इस दौरान आप स्नान कर रहे हैं तो इसे तुरंत रोक दें। आंधी- बिजली की स्थिति में खुले में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं होता है। टेलीफोन और पानी की लाइन में विद्युत प्रवाह हो सकता है।