रानीगंज । पिछले चार-पाँच महीने से इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के अंतर्गत काम कर रहे ठेकेदार , सप्लायर को ईसीएल द्वारा बिल के एवज में भुगतान नहीं दिए जाने की वजह से भूखमरी के कगार पर हैं। कोल्ड फील सप्लायर एसोसिएशन के सचिव गोपाल मलिक ने कहा कि पिछले 4 महीने से अधिक समय हो चुका है लेकिन हम लोगों को अपने काम के बदले बिल का भुगतान नहीं कि जा रही है। हम लोग छोटे व्यवसाई हैं। रोजी-रोटी इसी पर निर्भर है।
ईसीएल प्रबंधन से इसकी जानकारी मांगने पर कहा जाता है कि फंड का अभाव है। फंड आने पर भुगतान कर दी जाएगी। लेकिन कब तक इसका सटीक जवाब नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में हम लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ चुकी है। पहले से हम लोग ऑनलाइन पद्धति की वजह से बेहद परेशान हैं। जबकि हम लोगों ने कोरोना महामारी के समय से लेकर अब तक हर तरह से ईसीएल के साथ सहयोग की है। दूसरी ओर ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक “सेप” जैसे तकनीक प्रोग्रामिंग की जा रही है लेकिन वास्तविकता यह है कि इस नए तकनीक की वजह से वर्तमान में कार्यरत ईसीएल के कर्मी अधिकारी गण को इसे अपनाने में बेहद परेशानी हो रही है। यही वजह है कि भुगतान नहीं हो पा रही है।
भुगतान न मिलने से परेशान व्यवसाय
आज और कल पूरे देश में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल है। इसी कड़ी में रानीगंज के तमाम बैंक बंद है। रानीगंज के स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों के सामने कर्मचारी गण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रानीगंज के पूर्व विधायक एवं सीटू नेता रुनू दत्ता ने कहा कि सरकारी बैंकों के करीब नौ लाख कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के कदम के विरोध में आज से हड़ताल पर है।
सूत्रों के मुताबिकअखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) की महासचिव सौम्या दत्ता ने सूचना दी है कि बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सुलह बैठक विफल रही, इसलिए बैंक यूनियनें हड़ताल कर रही हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित अधिकांश बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को चेक क्लीयरेंस और फंड ट्रांसफर जैसे बैंकिंग कार्यों के प्रभावित होने को लेकर आगाह कर दिया था।