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“और चाँद खो गया” कहानी संग्रह का प्रख्यात साहित्यकार नलिनीकान्त ने किया विमोचन

पुस्तक उद्घाटन करते हुये साहित्यकार नलिनीकान्त , लेखक डीएन गोस्वामी, शिक्षक सनत नन्दन, रंजीत साव एवं प्रधान संपादक पंकज चंद्रवंशी

पुस्तक उद्घाटन करते हुये साहित्यकार नलिनीकान्त , लेखक डीएन गोस्वामी, शिक्षक सनत नन्दन, रंजीत साव एवं प्रधान संपादक पंकज चंद्रवंशी

पश्चिम बर्धमान जिले के अंडाल नामक शहर में रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हिन्दी साहित्यकार श्री नलिनीकान्त तिवारी जी के कर कमलों से एक कहानी संग्रह का आज विमोचन हुआ। जिसके लेखक अंडाल महावीर हिन्दी हाई स्कूल के अवकाश शिक्षक प्रभारी श्री दारोगनाथ गोस्वामी जी हैं । पुस्तक का सम्पादन एवं मुद्रण मंडे मॉर्निंग साप्ताहिक हिन्दी अखबार के संपादक पंकज चंद्रवंशी ने किए हैं । 93 वर्ष की उम्र में अब नलिनीकान्त तिवारी कहीं आते जाते नहीं, इसलिए प्रकाशक मंडली के लोग एवं स्थानीय शिक्षक सनत नन्दन, रंजीत साव सहित कुछ लोग अंडाल स्थित उनके आवास पर ही गए और उनके हाथों पुस्तक विमोचन का करवाया।

जीवन अनुभव एवं सच्ची घटनाओं पर आधारित है यह कहानी संग्रह

पुस्तक के लेखक दारोगानाथ गोस्वामी ने कहा कि यह पुस्तक उनके जीवन भर के अनुभवों एवं सच्ची घटनाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि श्री नलिनीकान्त जी से उन्होंने साहित्य रचना के गुर सीखे हैं इसलिए उनकी यह दिली तमन्ना थी कि पुस्तक का विमोचन नलिनीकान्त जी के कर कमलों से ही हो। नलिनीकान्त तिवारी जी ने कहा कि दारोगानाथ गोस्वामी अंडाल में उनके काफी करीबी साहित्यिक शिष्य रहे हैं और साहित्यिक विचार विमर्श के लिए अक्सर उनके पास आते रहते हैं। उन्होंने पुस्तक एवं लेखक की सफलता की कामना की एवं अपना आशीर्वाद दिया। मंडे मॉर्निंग साप्ताहिक हिन्दी अखबार के संपादक पंकज चंद्रवंशी ने कहा कि कहानी संग्रह की सभी कहानियाँ बहुत ही मर्मस्पर्शी एवं दिल को छू लेने वाली है। कहानियाँ बिल्कुल आम बोलचाल में लिखी गयी है। अपने सादे जीवनशैली की तरह गोस्वामी जी ने कहानियों में भी कहीं पर अपनी साहित्यिक विद्वता का प्रदर्शन नहीं किया है। शिक्षक सनत नन्दन एवं रंजीत साव ने भी गोस्वामी जी के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला और कहा कि उन्होंने अंडाल महावीर हिन्दी हाई स्कूल से ही शिक्षा प्राप्त की है एवं गोस्वामी जी उनके शिक्षक रहे हैं। अपने मेहनत एवं संघर्ष से उन्होंने अंडाल महावीर हिन्दी हाई स्कूल का काफी सफलता पूर्वक संचालन किया था। उनकी कमी आज भी विद्यालय में महसूस होती है। उन्होंने कहा कि इसकी सभी कहानियाँ आम इन्सानों के जीवन से जुड़ी है और यह पाठकों में काफी लोकप्रिय होगी।

पाठकों को बता दें कि श्री नलिनीकान्त तिवारी जापानी कविता शैली “हाइकु “” के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि है. और पहली बार उन्होंने ही हिन्दी में “हाइकु” शैली में कवितायें लिखना शुरू किया । हाइकु शैली में उन्होंने कई कवितायें लिखी है और उनकी सौ से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुयी है। तथा देश के लगभग सभी साहित्यिक पत्रिकाओं में उनकी कवितायें छपती है।

Last updated: अप्रैल 12th, 2018 by News Desk Monday Morning