लोयाबाद बासुदेवपुर कोल डंप के असंगठित मजदूर संघ के सरदारी का विवाद शुक्रवार को थाना पहुँचा। दोनों गुटों की एक एक महिला द्वारा सरदारी की दावेदारी को लेकर विवाद चल रहा है। पुलिस इस विवाद का निपटारा शीघ्र नहीं करती है तो यह विवाद खूनी संघर्ष में तब्दील हो सकता है।
दोनों गुटों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त
मजदूरों के दोनों गुटों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कोपली देवी जहाँ अपने को सरदार बताती है वहीं माया देवी उसे सरदार नहीं मानती है। मालूम हो कि 12 फरवरी को इसी विवाद को लेकर दोनों महिलायेंं एवं उनके समर्थकों ने डंप में कोयले की ट्रांस्पोर्टिंग रोक दी थी। हालांकि शाम के समय दोनों लोग आंदोलन छोड़ कर अपने घर चले गए थे। कोपली देवी के पक्ष से आजसु नगर अध्यक्ष जितु पासवान थाना पहुँचे और थाना प्रभारी से उचित फैसला करने का आग्रह किया। थाना प्रभारी द्वारा जो बातें कही गई उसे एक पक्ष के मजदूरों ने मानने से इंकार कर दिया।
थाना प्रभारी के सामने दोनों महिला ने किया हॉट टोक
अपनी-अपनी दावेदारी पेश करते हुए थाना में ही पुलिस के सामने सरदार की दावेदारी कर रही दोनों महिलाओं के बीच तु तु मैं मैं भी हुआ लोगों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ।
क्या है मामला
कोकरिज कोयले की ट्रांसपोर्टर के द्वारा सोमवार के दोपहर में पीकिंग ब्रेकिंग के पैसे मजदूरों को देने के लिए पहुँचे। कोपली देवी और माया देवी के सरदारी के पैसे मांगे जाने पर लिफ्टर ने कहा कि हम पैसा किसे दें। पहले आपसी विवाद को सलटायें और पैसे ले लें। इस बात से नाराज कोपली देवी और उनके समर्थक थाने पहुँचे। थानेदार से इस बात की शिकायत की। रोज रोज के विवाद से परेशान थानेदार चुन्नु मुर्मू द्वारा आपस में सलटाने की बात कहे जाने पर कोपली देवी अपने समर्थकों के साथ थाने के गेट के पास धरना पर बैठ गई। थोड़ी देर बाद माया देवी भी थाना आ पहुँची। लिफ्टर के कर्मी भी थाना पहुँचे। कोपली देवी का कहना है कि वह पुरानी सरदार है।सरदारी का पैसा उसे ही मिलनी चाहिए वहीं माया देवी पुलिस को एसडीओ को दिए एक पत्र को दिखाते हुए कहा कि वास्तव में जिस तरह वह सरदार नहीं है वैसे कोपली देवी भी सरदार नहीं है। वास्तव में उसका भाई जितु पासवान और कोपली देवी का बेटा संजय चौधरी सरदार है। जितु पासवान का स्वर्गवास हो चुका है और संजय चौधरी को बीसीसीएल में नौकरी हो गई । वे बहुत गरीब है तथा अपने बुढ़े माँ बाप का सहारा है। इस पर उसी का हक बनता है। विवाद के कारण पैसे के भुगतान करने में हो रही है दिक्कत।
पुलिस के बुलावे पर लिफ्टर थाना पहुँचे
पुलिस के बुलावे पर कोकरिज लिफ्टर के कर्मी थाना पहुँचे। पुलिस को बताया कि मजदूरों का 22 दंगल है। एक दंगल के दो दो सरदार द्वारा पैसे मांगे जा रहे हैं किसे भुगतान करें। जब पैसे की भुगतान करने के लिए जाता हुं तो गाली गलौज भी सुनना पड़ता है। थाना प्रभारी इस मामले को पहले सलटाये तभी वह भुगतान कर सकेंगे।