घनुडीह। भारतीय जन संघ के पूर्व अध्यक्ष सह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चिंतक और संगठनकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का 104 वाँ जयंती एमओसीपी स्थित पार्टी कार्यालय में बलियापुर पश्चिम मंडल के कार्यकर्ताओं ने मनाया। मुख्य अतिथि भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष संतलाल प्रमाणिक ने सर्वप्रथम उपाध्याय के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया।
इस दौरान संतलाल प्रमाणिक ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 1916 में मथुरा उत्तर प्रदेश में हुआ था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सनातन विचारधारा को योगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी। वे समावेशित विचारधारा के समर्थक थे। जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे । पंडित जी को राजनीतिक के अलावा साहित्य मैं भी उनकी रूचि थी। उन्होंने हिंदी व अंग्रेजी में कई प्रेरणा स्त्रोत लेख लिखे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमेशा दलित शोषित व गरीब के उत्थान के लिए कार्य किया। पंडित जी का कहना था कि हिंदू कोई धर्म व संप्रदाय नहीं है बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति है । वह एक अच्छे राजनीतिक के साथ पत्रकार भी थे। असामाजिक तत्वों ने उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय में उनकी हत्या कर दी थी। लेकिन उनकी विचारधारा अभी भी जीवित है।
मौके पर संतलाल प्रमाणिक ,विजय रवानी, मिंटू साव , मंटू रवानी , वीरेंची सिंह पंकज सिंह , मदन प्रमाणिक , जयराम रवानी , त्रिलोचन महतो ,विश्वामित्र महतो , गुप्तेश्वर साव, प्रेम महतो आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
दीपक कुमार दुबे, झरिया