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बिना अनुमति के भाजपा ने आसनसोल में जुलूस निकाला ,दिलीप घोष ने कहा देशद्रोही है ममता

दंगा और हिंसा की अफवाहों की बीच शुक्रवार को भाजपा का आसनसोल में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के समर्थन में निकाला गया जुलूस शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। इस जुलूस में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष , जिलाध्यक्ष लखन घुरुई, निर्मल कर्मकार समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुये । जुलूस में सांसद बाबुल सुप्रियो के भी शामिल होने की बात थी लेकिन वे शामिल नहीं हुये । हालांकि उन्हें कुछ दूर तक कार में देखा गया । बात में अंडाल में संवाददाताओं से बात करते हुये उन्होंने कहा कि चूंकि जुलूस को अनुमति नहीं दी गयी थी और धारा 144 लगा दिया गया है इसलिए एक मंत्री होने के नाते कानून का सम्मान करते हुये वे नहीं जा रहे हैं ।

बिना पुलिस अनुमति के दोपहर करीब दो बजे कालीपहाड़ी से दिलीप घोष के नेतृत्व में जुलूस आसनसोल की ओर बढ़ा जिसे पुलिस ने प्रथम बैरिकेड के माध्यम से उषाग्राम में रोकने की कोशिश की लेकिन पहले बैरिकेड को लांघते हुये जुलूस आगे बढ़ गया ।

गड़बड़ी रोकने के लिए तैनात पुलिसकर्मी

बिना अनुमति के इस जुलूस में भाजपा ने आसनसोल में जुलूस निकाला और नागरिकता संसोधन कानून के समर्थन में नारे लगाए । जुलूस में काफी संख्या में भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे तथा भारी मात्रा में पुलिस की तैनाती की गयी थी । आसनसोल के मुर्गासोल के पास दूसरा बैरिकेड लगाकर जुलूस को रोक दिया गया । बैरिकेड पास ही भाजपा कर्मी नारेबाजी करते हुये जमा हो गए । वहीं पर नारेबाजी करते हुये जुलूस समाप्त हो गया । न बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई, न पुलिस ने बल प्रयोग किया और न ही किसी शरारती तत्व ने हिंसा भड़काई ।

आसनसोल दक्षिण थाने की एक चिट्ठी से फैली थी दंगा भड़कने की आशंका

दरअसल इस जुलूस को लेकर आसनसोल दक्षिण थाने की एक चिट्ठी ने सरगर्मी बढ़ा दी थी । आसनसोल साउथ थाना की ओर से भाजपा जिला सचिव अरूप हाज़रा को एक चिट्ठी लिखी गयी थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस को ऐसी गुप्त सूचना मिली है कि इस जुलूस में कुछ शरारती तत्व हिंसा फैला सकते हैं और दंगा भड़कने की भी संभावना है । यह चिट्ठी सोशल मीडिया में खूब शेयर की गयी । इसी चिट्ठी ने लोगों के मन में दंगे की आशंकाओं को भर दिया जो अंततः निराधार ही साबित हुआ । इसी अंदेशा के कारण पुलिस द्वारा इस जुलूस को अनुमति नहीं मिली थी ।

खुले वाहन में सवार होकर दिलीप घोष ने जुलूस का नेतृत्व किया एवं वहीं से संबोधित भी करते रहे । संवाददाताओं से बात करते हुये दिलीप घोष ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रवैया देश द्रोह से प्रभावित है और यह गैरकानूनी है। राज्य की मुख्य मंत्री संसद द्वारा पारित कानून को नहीं मानने की बात करती है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानती है । पाकिस्तान की तरह ही संयुक्त राष्ट्र में जाने की बात करती है । यह सभी देशद्रोह के लक्षण हैं।

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Last updated: दिसम्बर 21st, 2019 by Rishi Gupta