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विष्णु थापा की हत्या में इलाके के विधायक पर लगा तृणमूल नेता को फंसाने का आरोप

दुर्गापुर -विष्णु थापा की हत्या में परिवार वालों के शिकायत पर आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी ने अभियान चलाकर झारखंड से एक तृणमूल नेता विजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया. कोकोवेन थाना ने आरोपी को अदालत में 341/ 326/ 307/ 506/ 302/ 120बी के तहत पेश किया. सुनवाई के दौरान उसे 10 दिन का रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया. अभियुक्त विजय श्रीवास्तव को अदालत में पेश करते समय मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा कि हमारे इलाके के विधायक विश्वनाथ पडियाल और उनके पैर मिलाकर चलने वाला नेता चंद्रशेखर बनर्जी ने साजिश के तहत उन्हें इस हत्या के केस में फंसाया है और कहा कि विधानसभा निर्वाचन में जब उन्हें तृणमूल से सीट नहीं मिली तब वह कांग्रेस में चले गए और कांग्रेस के विधायक बने. उस समय उस इलाके में दखल वह नहीं ले पा रहे थे. क्योंकि उस समय दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सचिव पद पर बने हुए थे. विजय श्रीवास्तव नगर निगम चुनाव में विश्वनाथ पडियाल के कांग्रेस में रहते हुए तृणमूल के साथ हाथ मिलाकर प्रचार किया और हमें पद से हटाने के लिए काफी प्रयास किया. उस समय 31 नंबर वार्ड पार्षद बरनाली दास के प्रचार में विजय श्रीवास्तव ने जिताने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी थी और पार्षद को जीत मिली. उसके बाद से ही इलाके में विधायक के लोगों ने तांडव मचाना शुरू कर दिया. ट्रेड यूनियन को तोड़ दिया गया और तृणमूल के नेताओं ने मिलकर साजिश के तहत हमें विभिन्न मामलों में फंसाने की कोशिश की. यह देखते हुए हमने पार्टी से हटकर झारखंड में अपना व्यवसाय चालू किया. इस हत्याकांड में हमारा कोई संपर्क नहीं है, मगर इलाके के विधायक साजिश के तहत हमें फंसा रहे है. पुलिस भी उन लोगों की मदद कर रही है जो आरोपी है उस तक तो नहीं पहुँच पाई है और बेकसूर होते हुए भी हमें गिरफ्तार किया है. घटना की सच्चाई सामने आएगी. आरोपों को खारिज करते हुए चंद्रशेखर बनर्जी ने कहा कि विजय श्रीवास्तव कोयला माफिया के साथ जुड़ा हुआ था. विभिन्न आपराधिक मामलों में लिप्त था. उसके साथ हमारा कोई संपर्क नहीं, वो झूठा आरोप लगाकर हमें घसीटने की कोशिश कर रहा है. विश्वनाथ पडियाल ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है. पश्चिम बर्दवान जिला तृणमूल कार्यकारी सभापति उत्तम मुखर्जी ने कहा कि विजय श्रीवास्तव को बहुत पहले ही आसामाजिक कार्य के चलते दल से बहिष्कृत किया गया था. उसका तृणमूल पार्टी से कोई लेन-देन नहीं पुलिस को कहा गया है कि हत्या से जुड़े जो भी है उसे जल्द गिरफ्तार करें और कड़ी से कड़ी सजा दे.

Last updated: मई 10th, 2018 by Durgapur Correspondent