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बिहार बंद से बेहाल लखीसराय

लखीसराय रेलवे स्टेशन , शहीद द्वार पर चक्का जाम करते राजद समर्थक

लखीसराय रेलवे स्टेशन , शहीद द्वार पर चक्का जाम करते राजद समर्थक

लखीसराय (21/12/2017): राज्य में गंभीर बालू-गिट्टी संकट को लेकर राजद का बिहार बंद का लखीसराय पर भी काफी असरदार असर दिखा । सुबह आठ बजे से ही राजद कार्यकर्ता पार्टी झंडा लेकर सड़क पर उतर गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राजद जिलाध्यक्ष सह सूर्यगढ़ा के विधायक प्रहलाद यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ शहीद द्वार से लेकर बाजार समिति तक पैदल मार्च कर बाजार को बंद करवाया। इस दौरान बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता ऑटो, बाइक परिचालन बंद कराते दिखे। बाजार समिति के पास राजद नेता लक्ष्मण साव के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता मुख्य मार्ग को जाम कर आवागमन को बाधित कर दिया।

सुबह 8 बजे से दिन के करीब एक बजे तक शहीद द्वार के पास मुख्य मार्ग जाम रहा

जिलाध्यक्ष सह विधायक बाजार समिति से पचना रोड होते हुए शहीद द्वार पहुंचे। यहां मुख्य मार्ग को जाम करने के लिए वे कार्यकर्ताओं के साथ शहीद द्वार पर बेंच लगाकर बैठ गए। करीब पांच घंटे तक शहीद द्वार के पास बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ताओं के डटे रहने के कारण मुख्य सड़क पर आवागमन ठप्प रही। कार्यकर्ताओं ने बाइक, ऑटो, रिक्शा, साइकिल तक को जाने नहीं दिया। स्कूल, कचहरी, सरकारी कार्यालय जाने वाले लोगों को इस कारण परेशानी उठानी पड़ी। दर्जनों बाइक सवार व अन्य वाहन चालक रास्ता बदलकर बाइपास के रास्ते गए। मौके पर मौजूद पुलिस के जवान भी एक कोने में मूकदर्शक बने रहे।

विधायक प्रहलाद यादव ने लखीसराय बंद को सफल बताया

कार्यक्रम को सफल बनाने में राजद के राज्य परिषद सदस्य भगवान प्रसाद यादव, जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, जिला महासचिव नरेश कुमार, अब्बास, इरफान, आशिक रजा, नरेश यादव, वार्ड पार्षद महेश प्रसाद सिन्हा, प्रो. अजय कुमार, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष शोभा देवी, किरण देवी, अर्जुन वर्मा, अमित लहेरिया, नृपेंद्र कुमार हाथ में पार्टी का झंडा लिए सड़कों पर नारे लगाते रहे। विधायक प्रहलाद यादव ने लखीसराय बंद को सफल बताते हुए जिले के दुकानदारों, व्यापारियों एवं आम लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। कुल मिलाकर राजद की बिहार बंद का लखीसराय पर असर काफी व्यापक रहा। इस दौरान अघोषित सरकारी एवं गैर सरकारी सभी प्रतिष्ठान बंद रहे । दूसरी ओर विधि-व्यवस्था डयूटी पर तैनात सरकारी कर्मी भी राजद के हल्ला बोल के सामने पूर्णतः मूकदर्शक की भूमिका अदा करते रहे ।

Last updated: दिसम्बर 22nd, 2017 by Sanjeev Kumar Gandhi