रानीगंज। सनातन संगम की ओर से स्वामी भूमानंद जी महाराज के 100 वां जन्म उत्सव मनाई गई ।इस अवसर पर सनातन संगम के सभागार में एक धर्म सभा का आयोजन हुआ ।वही स्वामी जी के निवास स्थल विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । मध्य रात्रि तक भक्तों ने वं उनके अनुयायियों ने जन्म उत्सव मनाए । इस अवसर पर स्वामी लोकनाथ चक्रवर्ती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी भूमानंद जी महाराज के जीवन शैली काफी सरल सहज और समाज को समर्पित था। इनके जीवन काल को देखें तो वह एक अच्छे सरल बालक थे ।
शिक्षा दीक्षा प्राप्त कर एक प्रोफेसर की तरह कॉलेज में पढ़ाते थे यहाँ तक की वह बर्धमान यूनिवर्सिटी या फिर प्रेसीडेंसी कॉलेज में भी अंग्रेजी पढ़ाई लेकिन कभी भी उन पर अंग्रेजी यात नहीं देखने को मिली ।जब वह सन्यास जीवन धारण कर लिए सन्यासी की तरह ही जाते थे और छात्रों के साथ एक कुशल शिक्षक के रूप में मिलते थे उन्हें शिक्षा देते थे स्वामी जी की एक विशेषता रही कि वह किसी को छोटा बड़ा नहीं समझते जब वह अवकाश ग्रहण किए तो अपने घर पर बैठकर बच्चों को शिक्षा देने लगे और वह आज गुरुकुल शिक्षा केंद्र के नाम पर स्थापित है जहाँ हजारों छात्र पढ़ते हैं।