शिबू सोरेन के 1932 खतियान वाले बयान को भीम आर्मी ने बताया जनविरोधी
लोयाबाद। झारखंड के दिशोम गुरु कहलाने वाले सह झामूमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन का 1932 का खतियान वाले बयान जनविरोधी है। भीम आर्मी शिबू सोरेन के इस बयान की कड़ी निंदा करती है।
मंगलवार को भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र पासवान ने इस संबंध में विज्ञप्ती जारी करते हुए कहा कि झारखंड में अब तक तक सिर्फ बाहरी भीतरी की ही राजनीति होते रही है। 19 साल के हुए झारखंड में अभी तक जनता को छोड़कर केवल राजनेताओं को ही फायदा हुआ है।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करते हुए कहा कि आपको मौका मिला है। । झारखंड की जनता को मुलभूत सुविधा प्रदान करे। शिक्षा,स्वास्थ्य व रोजगार पर ध्यान दे।1932 खतियान जैसे मुद्दे पर समय व्यर्थ ना करे। कहा राज्य 10 सीएम, तीन बार राष्ट्रपति शासन झेल चुका है। राज्य अब सिर्फ विकास की बातें सुनना व देखना चाहता है कहा कि शिक्षा,स्वास्थ्य एवं रोजगार पर ध्यान दें . यह तीन चीजें सरकार की जिम्मेदारी होती है वह अपने नागरिकों को सभी सुविधा उपलब्ध कराएं। झारखंड अलग होने के बाद केवल बाहरी_भीतरी की राजनीति होते आई है, इसका असर आप देख चुके हैं। बिरेन्द्र ने इस मुद्दे को ट्विटर पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग भी किया है।
गौर तलब है कि आदिवासी संगठनों और नेताओं की लंबे समय से यह मांग रही है कि झारखंड में 1932 का खटियान लागू किया जाये । सत्ता संभालते ही झामूमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने यह कह सभी को चिंता में डाल दिया कि अब झारखंड में 1932 का खतियान लागू होगा । इस खतियान के तहत केवल आदिवासी ही झारखंड के नागरिक कहलाएंगे जबकि इससे पूर्व की सरकार के मुखिया रघुवर दास ने इस खतियान को नहीं लागू करने की बात कही थी ।
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