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माटिर चोख, प्रानेर खोज पर आधारित भामुरिया पूजा पंडाल

भामुरिया बथेश्वर सार्वजनीन पूजा कमिटी की पंडाल

यहाँ के लोग मिटटी से जुड़े है

हर-बार सर्वश्रेष्ठ पूजा का खिताब जितने वाली भामुरिया बथेश्वर सार्वजनीन दुर्गापूजा समिति द्वारा इस बार भी दुर्गोत्सव को आकर्षक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. बुधवार को समिति द्वारा पत्रकार सम्मलेन का आयोजन कर पूजा पंडाल, व्यवस्था और कार्यक्रमों की जानकारी दी. इस दौरान पूजा पंडाल के रचयता रूपचंद कुंडू (कोलकाता) ने बताया कि इस बार आदिवासी परिवेश पर पंडाल का थीम तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चूँकि भामुरिया आदिवासी बहुल क्षेत्र है, यहाँ के लोग मिटटी से जुड़े हुए है और इन्हीं लोगों के परिवेश, रहन-सहन, संस्कृति और परम्परा को पूजा पंडाल थीम के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है.

पत्रकार सम्मलेन करते कमिटी पदाधिकारी

मिटटी, गोबर, चटाई, बांस, लकड़ी आदि से तैयार हो रही पंडाल

उन्होंने बताया कि पूजा पंडाल को मिटटी, गोबर, चटाई, बांस, लकड़ी आदि से तैयार किया जा रहा है, जो प्री तरह से यहाँ के परिवेश को दर्शायेगा. माटिर चोख, प्रानेर खोज पर आधारित आदिवासी समुदाय की कला-संस्कृति को देश-दुनिया के समक्ष रखने का प्रयास ही इस पूजा थीम का मकसद है. महेश कुंडू ने बताया कि इस पूजा के आयोजन में ग्रामीणों के साथ ही आसपास के लोगों का भी बहुत सहयोग रहता है. उन्होंने बताया कि दुर्गोत्सव के माध्यम से सामाजिक कार्य भी किये जाते है. वस्त्र दान, रक्तदान, स्कूली बच्चों में पाठ्य सामग्रियों का वितरण आदि किया जाता है. इसी क्रम में आगामी 12 अक्टूबर को दुर्गापूजा के दौरान रक्तदान का आयोजन किया गया है,

पूजा के तहत समाजसेवा भी

यहाँ के लोग रक्तदान करेंगे और रक्त संचालक जितना चाहे रक्तदान करवा सकते है, यहाँ के लोग पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि रक्त बनाया नहीं जा सकता वो मानव शरीर से ही मिल सकता है और हमलोगों द्वारा किया गया रक्तदान किसी की जिंदगी बचा सकता है. उन्होंने बताया कि पूजा के दर्शनार्थियों की काफी भीड़ होती है. इसे देखते हुए सुरक्षा समेत शौचालय, बायो-टॉयलेट तथा प्राथमिक उपचार की पूरी व्यवस्था की जाएगी.

सुरक्षा और सुविधा की पूरी व्यवस्था

पूजा के दौरान चिकित्सक, नर्स और एम्बुलेंस हमेशा उपलब्ध रहेंगे. साथ ही 200 सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से पूरे पूजा के दौरान निगरानी रहेगी, ताकि यहाँ घुमने आने वालों को किसी प्रकार की समस्या ना हो और वे पूजा का भरपूर आनंद उठा सके. समिति अध्यक्ष महानन्द गतइत, सचिव हिरा लाल मांझी, संजीव बाउरी, अजय राम, सुखदेव प्रमाणिक, पंचानन चटर्जी, फाल्गुनी मांझी आदि पूजा के आयोजन में अहम् भूमिका निभा रहे है.

Last updated: अक्टूबर 3rd, 2018 by News Desk