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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक ही परिवार की तीन बेटियों को मिला गोल्ड मेडल

मेधा की मिसाल, एक परिवार की तीन बेटियों को मिला गोल्ड मेडल

झरिया । बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शिक्षा, संस्कार और संकल्प की ऐसी प्रेरक कहानी सामने आई, जिसने पूरे आयोजन को गौरवान्वित कर दिया। एक ही परिवार की तीन सगी बहनों ने अलग-अलग सत्रों और विषयों में टॉपर व बेस्ट ग्रेजुएट बनकर चार गोल्ड मेडल अपने नाम किए। यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक इतिहास में दर्ज हुई, बल्कि ‘बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सशक्त मिसाल भी बन गई। सबसे बड़ी बहन केतकी ने पीजी मास कम्युनिकेशन (सत्र 2020–22) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए बेस्ट पोस्ट ग्रेजुएट का सम्मान हासिल किया और विषय में टॉप कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। मंझली बहन मल्लिका ने पीजी मैनेजमेंट स्टडीज (सत्र 2020–22) में बेहतरीन प्रदर्शन कर परिवार की शैक्षणिक परंपरा को और मजबूती दी। वहीं छोटी बहन जूही कुमारी ने यूजी बॉटनी (सत्र 2018–21) में टॉपर बनकर अपनी मेधा का परिचय दिया। फिर पीजी मास कम्युनिकेशन (सत्र 2021–23) में भी शानदार उपलब्धि हासिल कर निरंतर सफलता की मिसाल पेश की। यह सफलता अचानक नहीं, बल्कि वर्षों की साधना और अनुशासन का परिणाम है। इससे पहले विनोबा भावे विश्वविद्यालय में भी इस परिवार ने शैक्षणिक उत्कृष्टता की छाप छोड़ी थी। केतकी ने यूजी बॉटनी प्रतिष्ठा (2012–15) में टॉप किया, पीजी (2015–17) में बेस्ट पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बॉटनी टॉपर रहीं ।वहीं मल्लिका ने पीजी कॉमर्स (2016–18) में टॉप कर परिवार की शैक्षणिक विरासत को नई ऊँचाई दी। इस असाधारण सफलता का श्रेय परिवार के मजबूत संस्कारों को जाता है। पिता कल्याण नारायण पाठक, जो राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में हिंदी शिक्षक हैं, ने बेटियों में शिक्षा के प्रति लगन और अनुशासन का बीज बोया, जबकि मां प्रेमशीला, एक समर्पित गृहणी, ने निरंतर मार्गदर्शन और संबल देकर हर कदम पर हौसला बढ़ाया। बेटियों ने भी अपनी जीत का श्रेय माता-पिता के त्याग, प्रेरणा और विश्वास को दिया। बीबीएमकेयू के दूसरे दीक्षांत समारोह में एक ही परिवार को एक साथ चार गोल्ड मेडल मिलना विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण रहा। यह कहानी साफ संदेश देती है कि जब बेटियों को अवसर, समर्थन और शिक्षा मिलती है, तो वे इतिहास रचती हैं—और यही ‘बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ’ की असली जीत है।

संवाददाता — शमीम हुसैन

Last updated: दिसम्बर 26th, 2025 by Arun Kumar