लोयाबाद। बीसीसीएल पहले यह तय करें कि किस नीति के तहत वे केंदुआ-करकेंद के लोगों को यहाँ से हटाना चाहती है, जबकि यहाँ के लोग सौ वर्षों से यहाँ रहते हुए आ रहे हैं और यह एक व्यवसायिक मंडी भी है। यह बातें आजसु जिलाध्यक्ष मंटू महतो ने मंगलवार को अपने आवासीय परिसर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल पहले अपना नीति स्पष्ट करें, क्योंकि धनबाद जिला में आज ऐसे हजारों गाँव और घर है जिसे टापू बना कर छोड़ दिया गया है। वहाँ के लोगों की मूलभूत समस्याएं छीन ली गई है वे लोग उचित मुआवजे के आस में आज भी अग्नि प्रभावित व भू-धंसान क्षेत्र में अपने जीवन को जोखिम में डालकर घुट घुट कर जीने को विवश है। बीसीसीएल पहले वैसे गाँव और वहाँ के लोगों को विस्थापित कर उसके रोजी,रोजगार, मुआवजा सहित मूलभूत सुविधाएं दे, फिर जाकर बीसीसीएल इतनी वर्षों पुराने व बड़े शहर को विस्थापित करने के विषय में सोचे। उन्होंने कहा कि जरेडा (झरिया पूर्व विकास प्राधिकार) के तहत जिन गाँव, मोहल्ला, धौड़ा, शहर व बाजार को उजाड़कर वहाँ के लोगों को बसाया गया। पहले बीसीसीएल उन लोगों की आज की हालत की समीक्षा करें। वे लोग आज वहाँ बद से बदतर हालत में है जिसे देखने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीसीसीएल नगर निगम क्षेत्र के विकास में किसी भी तरह की सहभागिता नहीं देना चाहती है। अर्थात नगर निगम क्षेत्र के विकास में सबसे बड़ा बाधक बीसीसीएल बनी हुई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लंबे समय से गाँव को निगम से बाहर करने का आंदोलन पिछली सरकार के समय से चला रहे थे। शीर्ष अगँवा नेतागण अब यह बताएं कि कब तक इस सरकार में निगम से सभी गाँव अलग होगी। मौके पर वंशराज कुशवाहा, राजा गुप्ता, दिलीप सिंह, पप्पू सिंह, जीतू पासवान, छोटे सिन्हा, अमर पासवान, मोहम्मद इजराइल, भोलू पासवान, संतोष महतो, विनोद पासवान, जलाल अंसारी, सुदामा पासवान आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।