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बी सी सी एल के द्वारा संचालित आउटसोर्सीग कम्पनियाँ कर रही है मनमानी – झरिया विधायक ( पूर्णिमा नीरज सिंह )

धनबाद – बी सी सी एल की आउटसोर्सीग कंपनी सुशी आउटसोर्सीग कंपनी में हॉलपेक की चपेट में आने वाले युवक की आसामयिक मौत से क्षुब्ध हुए से परिजनों को मिला 20 लाख का मुआवजा झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने देर रात प्रबंधन से मिलकर बात मनवाई,

झरिया के लोदना स्थित सुशी कैंप अंतर्गत संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी देवप्रभा में हॉलपेक की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई थी घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल मचाया था और कंपनी में काफी उथल पुथल मचाया था जबकि परिजनों के द्वारा भी आउटसोर्सिंग कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया था तत्पश्चात झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की पहल पर दुर्घटना के शिकार हुए मृतक की पत्नी रेणु देवी व उसके परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा मिला है जिसमे की झरिया विधायक की अहम भागीदारी रही
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोदना स्थित सुशी कैंप अंतर्गत संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी देवप्रभा में नौकरी मांगने गए भागा 5 नंबर के रहनेवाले सूरज माली नामक युवक की हॉलपैक की चपेट में आने से मौत हो गई थी वहीँ घटना के बाद स्थानीय लोगों का आरोप था कि हॉलपैक से कुचले जाने के बाद आउटसोर्सिंग कंपनी के लोग शव को उठा कर ले जा रहे थे.लेकिन ग्रामीणों ने जब देखा तो हंगामा शुरू कर दिया और देखते-देखते बात बिगड़ गई और ग्रामीणों ने कंपनी परिसर को घेर लिया.
घटना की सूचना मिलने के बाद विधानसभा मॉनसून सत्र में शामिल होने गई झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह रांची से देर रात घटना स्थल पर पहुंची और बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की. घंटो चली वार्ता के क्रम में मृतक की पत्नी रेणु कुमारी को 20 लाख रुपए मुआवजा राशि,मृतक के आश्रित बच्चों के पढ़ाई का खर्च एवं एक आश्रित को आउटसोर्सीग कंपनी में नियोजन देने पर सहमति हुई. इस दौरान थाना परिसर में भारी संख्या में लोग मौजूद थे. वहीं मीडिया से बात करते हुए झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने सुशी देव प्रभा आउटसोसिंग की कार्य शैली पर सवाल खड़ा किया और किसी राजनीति पार्टी के दबाव में कंपनी पर काम करने का भी आरोप लगाया जबकि ज्ञात हो कि बी सी सी एल के द्वारा संचालित हो रही इन आउटसोर्सिंग कंपनियों को किसी का डर नहीं है ये लोग खुलेआम गुंडागर्दी करते है परिणामस्वरूप आम इंसान को प्रतिदिन दो चार होना पड़ रहा है जबकि घटित हो रही घटनाएं आगे किसी और भी बड़ी अनहोनी की ओर ईशारा कर रही है अगर समय रहते इनके नाकों में नकेल अगर डाला नहीं गया तो वो दिन दूर नहीं ज़ब झरिया तो होगा किन्तु उसका अस्तित्व नहीं बचेगा वैसे एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि अंग्रेजी हुकूमत तो बसा के गए किन्तु अपने घर के लोग ही आम लोगों से उनका आशियाना छीन रहे है और ना जाने कब तक ऐसा चलेगा अब समय आ गया है कि बिल्ली की गले में घंटी बाँध दिया जाए अन्यथा झरिया का अस्तित्व को मिटने से कोई नहीं बचा पायेगा,

Last updated: जुलाई 27th, 2024 by Arun Kumar