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आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है रानीगंज का बांसड़ा गाँव

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विशेष खबर , रानीगंज : आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के एवं रानीगंज ब्लॉक के बांसड़ा गाँव आज भी बुनियादी सुविधा बिजली, पानी, साफ-सफाई रास्ता घाट से लगभग वंचित हैं लेकिन यहाँ के लोगों की मुख्य समस्या ईसीएल के ओसीपी में होने वाली ब्लास्टिंग है ।

आरोप है कि यह इलाका आज भी माकपा के अधीन है यही वजह है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सुविधाओं से वंचित है । स्कूल नहीं है, अस्पताल नहीं है । इतना ही नहीं आज भी अनेकों लोग झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं । यहाँ के लोगों को ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है और न पश्चिम बंगाल सरकार की आवासीय योजनाओं का पक्का मकान भी नसीब नहीं हो पा रहा है।

बांसड़ा गाँव की अभी सबसे अधिक आबादी वाला आदिवासी गाँव मांझी पाड़ा है। यहाँ ईसीएल के 72 क्वार्टर एवं 300 के करीब लोग इस गाँव में वास करते हैं। 3000 के करीब वोटर इस मांझी पाड़ा में है। बांसड़ा गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण कुमार मंडल ने बताया कि परिवर्तन के समय पूरे रानीगंज इलाके में भी परिवर्तन हुई और चारों और तृणमूल का बोलबाला हो गया लेकिन मांझी पाड़ा के लोग नहीं बदले आज भी बांसड़ा ग्राम पंचायत सीपीएम के अधीन है ।

इस पंचायत को अपने कब्जे में करने के लिए तृणमूल कॉंग्रेस ने काफी प्रयास किया था लेकिन यहाँ आज भी माकपा का बोलबाला है । एक तरफ बांसड़ा कोलियरी दूसरी तरफ बांसड़ा गाँव और तीसरी तरफ मांझी पाड़ा है ।

स्थानीय बाशिंदा मानस मुर्मू ने बताया कि ईसीएल का ओसीपी इस गाँव के बगल में है और जब यहाँ ब्लास्टिंग होती है तो पूरा इलाका दहल उठता है इतना ही नहीं हम लोग ब्लास्टिंग के दरमियान घर छोड़कर निकल जाते हैं।

टिंकू मरांडी युवक ने बताया कि पुनर्वासन के लिए कई दफा योजनाएँ बनाई गई और आश्वासन दी गई लेकिन पुनर्वासन पर ईसीएल प्रबंधन ने धोखा ही दिया है । पीने की पानी मिल तो जाता है लेकिन दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले पानी के लिए हम लोग आज भी तरसते हैं क्योंकि पास में ईसीएल का ओसीपी होने के नाते ना तो नलकूप सक्सेस है न कुआं।
चुनाव के मौसम में गाँव के आसपास तृणमूल का झंडा भले दिखाई दे लेकिन इस गाँव में आज भी माकपा का ही झंडा दिखाई पड़ रही थी । बीच में भाजपा का झंडा भी कुछ जगहों पर देखने को मिली।

Last updated: अप्रैल 28th, 2019 by Raniganj correspondent