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बंगाल में भाजपा का मुस्लिम प्रेम

फाइल फोटो

बीजेपी में मुस्लिम चेहरा ना के बराबर

आसनसोल -देश-दुनियाँ में भाजपा की छवि हिंदुत्व समर्थक व मुस्लिम विरोधी पार्टी की रही है, इसका कारण चाहे जो भी रहा हो. यह भी देखा गया है कि विभिन्न चुनावों में भाजपा मुस्लिम प्रत्यासियो को अधिक तवज्जो भी नहीं देती है, जिसके फलस्वरूप भाजपा के सांसद, विधायक व अन्य पदों पर मुस्लिम चेहरा ना के बराबर है. लेकिन पश्चिम बंगाल में ठीक इसका उल्टा नजारा दिख रहा है.

बंगाल पर फ़तह पाना बिना मुस्लिमो के नामुमकिन

इस बार हो रहे पंचायत चुनाव में भाजपा ने पूरे राज्य में 850 से अधिक उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से ही लिए है. जबकि वर्ष 2013 में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में मुस्लिम समुदाय से आने वाले उम्मीदवारों की संख्या 100 से भी कम थी. लेकिन इसबार भाजपा मुस्लिमो पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिख रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बंगाल में मुस्लिमो की आबादी 30 प्रतिशत से अधिक है और भाजपा के नेता जानते है कि बंगाल पर फ़तह पाना बिना मुस्लिमो के नामुमकिन है.

इस बात से तृणमूल निश्चिन्त

दूसरी तरफ राज्य की सत्ता दल पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस बात से निश्चिन्त है, पार्टी का मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय का दीदी पर पूर्ण भरोसा है. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हो या अन्य समुदाय के हम पर सभी का पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बंगाल में विजयी हासिल करने के लिए भाजपा को मुस्लिम उम्मीदवार चाहिए और दूसरी तरफ मुस्लिम-हिन्दू के मध्य दंगा करवाते है.

अल्पसंख्यक समुदाय तक संपर्क कायम आवश्यक

प्रदेश भाजपा के अनुसार 2016 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 294 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उस दौरान सिर्फ 6 अल्पसंख्यक प्रत्याशी ही थे. लेकिन अब भाजपा का संगठन बूथ स्तर तक मजबूत हो चुका है और अब वह अधिक संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की जड़े मजबूत करनी है तो अल्पसंख्यक समुदाय तक संपर्क कायम आवश्यक होगा. भाजपा राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष के अनुसार नामांकन प्रक्रिया के दौरान तृणमूल द्वारा जमकर अशांति फैलाई गई. यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो भाजपा ग्रामीण क्षेत्र के चुनाव में दो हजार से ज्तादा संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे होते. मुकुल रॉय इस क्षेत्र में अहम् भूमिका निभा रहे है और उनका मानना है कि प्रत्येक चुनाव में अधिकाधिक संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों को भाजपा की उम्मीदवारी दी जाए.

Last updated: मई 7th, 2018 by News Desk