बराकर: बराकर स्थित आदर्श विद्यालय फ्री प्राइमरी स्कूल इस समय एक गंभीर खतरे के मुहाने पर खड़ा है। लगभग 60 वर्ष पुरानी इस शिक्षण संस्था की इमारत अब जर्जर हो चुकी है और किसी भी बड़े हादसे को दावत दे रही है। विद्यालय के दूसरे तल्ले (मंजिल) की छाजे (छज्जे) की लोहे की बीमें पूरी तरह से जर्जर होकर लटक रही हैं, जो किसी भी पल टूटकर नीचे गिर सकती हैं।
यह स्थिति विद्यालय परिसर में अध्ययनरत सैंकड़ों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की सुरक्षा पर एक बड़ा और गंभीर संकट पैदा कर रही है। हर दिन, ये बच्चे और शिक्षक मौत के साए में पढ़ाई और अध्यापन करने को मजबूर हैं।
पूर्व में भी हो चुका है हादसा:
विद्यालय की खतरनाक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह पहला मौका नहीं है जब इमारत ने खतरे का संकेत दिया हो। जानकारी के अनुसार, कुछ वर्ष पहले दुर्गापूजा के दौरान भी इसी बिल्डिंग के प्रथम तल्ले (पहली मंजिल) की छाजे गिर चुकी थी, जिसमें कई लोग दुर्घटना के शिकार हुए थे। उस हादसे के बावजूद, प्रशासन या संबंधित विभाग द्वारा स्कूल की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसका खामियाजा अब वर्तमान में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
हादसे का डर, प्रशासन की चुप्पी:
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में इस जर्जर इमारत को लेकर भारी चिंता और आक्रोश है। उनका कहना है कि यह स्कूल क्षेत्र के कई गरीब परिवारों के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसकी जानलेवा स्थिति को देखते हुए किसी भी समय एक बड़ी त्रासदी हो सकती है। लटकी हुई बीमें स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि इमारत अपनी अंतिम सांसे गिन रही है।
अभिभावकों ने मांग की है कि स्कूल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को तुरंत इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और किसी अप्रिय घटना से पहले, युद्धस्तर पर जर्जर हिस्सों की मरम्मत करानी चाहिए या छात्रों की सुरक्षा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। यदि जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो 60 वर्ष पुराना यह विद्यालय भवन बच्चों और शिक्षकों के लिए एक बड़ा दुर्घटना स्थल बन सकता है।

