बुधवार को आसनसोल में एक संवाददाता सम्मेलन में आसनसोल के सांसद सह केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जितेंद्र तिवारी पर कई आरोप लगाए । अभद्र भाषा प्रयोग पर जितेंद्र तिवारी की खिंचाई करते हुये कहा कि वे उनके जैसी भाषा नहीं बोल सकते हैं।
लोकसभा में मिली करारी हार के बाद भी जितेंद्र तिवारी ने कुछ नहीं सीखा । तृणमूल की जनविरोधी नीतियों के कारण ही जनता ने उसे हराया है ।
आसनसोल नगर निगम का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि आसनसोल स्वछता में बहुत पीछे है। स्वच्छता के पैमाने पर भारत में शहर का जो सर्वे हुआ था उसमें 74 शहरों में आसनसोल 73 वें स्थान पर था ।
उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में ही उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्लांट लगाने की बात कही थी जिसे अहंकार में चूर तृणमूल ने ठुकरा दिया था । आज आसनसोल शहर में कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है ।
5 जुलाई को भाजपा कर्मियों पर हुये हमले पर बाबुल सुप्रियो ने कहा कि एक साजिश के तहत उसी दिन नगर निगम कि ओर से आरकेटी दान शिविर का आयोजन कर दिया गया और शिविर के आड़ में काफी सारे गुंडे जमा कर लिए । फिर इन्हीं गुंडों ने पुलिस के साथ मिलकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भाजपा कर्मियों पर हमला कर दिया ।
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चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने पर पूछे गए एक सवाल में बाबुल सुप्रियो ने कहा कि निजीकरण होने से कोई कारख़ाना बंद नहीं होता है। केवल उसका प्रबंधन निजी कंपनियों को दिया जाएगा। पब्लिक-प्राइवेट मॉडल के तहत कारखाने को चलाया जाएगा। जो भी होगा वह देश और जनता के हिट में ही होगा ।
जितेंद्र तिवारी ने किया पलटवार
बाबुल सुप्रियो के संवाददाता सम्मेलन के कुछ ही घंटे बाद फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट कर जितेंद्र तिवारी ने पलटवार करते हुये कहा कि पहले भाजपा अपनी भाषा सुधारे फिर हमें भाषा सुधारने की बात करे ।
चिरेका पर पीपीपी मॉडल के जवाब में जितेंद्र तिवारी ने कहा कि पूरी भाजपा सरकार ही पीपीपी मॉडल पर चल रही है ऐसे में कारखाने को पीपीपी मॉडल पर चलाने की बात कर रहे हैं तो कोई नयी बात नहीं है। दुर्नीति, गलत मानसिकता से कारखानों का निजीकरण क्यी आजा रहा है ताकि चंदा देने वाले पूँजीपतियों को लाभ पहुँचाया जा सके ।