अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है और पीड़ितों को अलग-अलग स्तर तक प्रभावित करती है। अस्थमा ब्रोन्कियल ट्यूबों में सूजन आने के कारण होता है, कभी-कभी एलर्जी, व्यायाम, तनाव या तापमान में बदलाव से यह तेज हो जाता है।अस्थमा का आमतौर पर इलाज नहीं होता है, लेकिन इसे कुछ हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह पीड़ित को यह कैसे प्रभावित करता है। यदि अस्थमा को नियंत्रित कर लिया जाए तो रोगी अपेक्षाकृत सामान्य जीवन जी सकते हैं, हालांकि इसको कुछ बढ़ाने वाले कारणों से बचना होगा। उक्त बाते आज विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य उपकेंद्र बेढना में आंगनवाड़ी सेविकाओ की गोष्ठी में विश्व स्वास्थ्य संगठन और केयर के पूर्व प्रशिक्षक मुकुंद साव ने कहा, उन्होंने कहा कि विश्व अस्थमा दिवस पीड़ा से राहत और मौतों को कम करने की आशा में स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 2021 तक भारत में लगभग 2 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित है। मुकुंद साव ने बताया कि ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2018 के मुताबिक रोजाना 1000 से ज्यादा लोग अस्थमा के शिकार होते हैं ,संख्या भयावह हैऔर व्यापक जागरूकता ,सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और एक ठोस वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान करती है l, हर साल 30 करोड़ से अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित होते हैं और इससे भी बुरी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में इसका निदान नहीं होता है इस तरह असमय मौत हो जाती है शीघ्र निदान और समय पर उपचार जिसके लिए जागरूकता महत्वपूर्ण है जो जीवन बचा सकता है ,अस्थमा के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है, और जब तक वैश्विक सहयोग और व्यापक जागरूकता नही होगी तब तक यह बीमारी बड़ी पैमाने पर बढ़ती रहेगी,जरा भी लोगो को एहसास हो,या फिर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो,खांसी नही जा रही हो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क साधना चाहिए,गोष्ठी का संचालन आंगनवाड़ी सेविका पूर्णिमा देवी ने किया,बैठक में अनीता देवी,सरस्वती देवी,मंजू देवी,पूनम देवी,,पूर्णिमा देवी,रीता देवी,विमला देवी,सुनीता देवी,शारदा कुमारी वर्मा,संगीता देवी, हेमंती देवी उपस्थित थी धन्यवाद ज्ञापन रीता देवी ने किया।
अस्थमा लाइलाज है पर नियंत्रण में रखा जा सकता है-मुकुंद साव
Last updated: मई 2nd, 2023 by