अंकुरित जौ पूजा की सफलता दर्शाता है -संतोष पाण्डेय
शारदीय नवरात्र के अष्टमी के दिन दुर्गापूजा पंडालों और घरों में देवी दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना के साथ महाभोग लगाया गया. इस अवसर पर कई भक्तों ने फलहार व्रत का पालन करते हुए देवी के आठवीं रूप की पूजा अर्चना की. पंडित सन्तोष पांडेय ने कलश के नीचे रखा गया अंकुरित जौ को पूजा की सफलता बताते हुए कहा कि नवरात्र के दिनों में देवी दुर्गा की आराधना करते समय कलश की स्थापना की जाती है. कलश के नीचे मिट्टी में जौ देकर कलश को बैठाया जाता है.
उसी कलश पर देवी दुर्गा का आवाहन करते हुए नौ दिनों तक आराधना की जाती है. इन नौ दिनों में जौ अंकुरित होकर फसल जैसा दिखाई देने लगता है जो भक्तों के पूजा सफल होने की ओर इशारा करता है. इन जौ को विसर्जन के समय अच्छे से घर में सूखा कर रख लिया जाय, तो यह शुभ कारक होती है और छोटे-मोटे प्रेत बाधा की आशंका को दूर करती है. परिवार पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है. बशर्ते देवी की कृपा पर आस्था बनी रहे. सबसे बड़ी बात है कि आस्था होनी चाहिए, तभी हमलोगों को पूजा में सफलता मिलेगी.
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