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विभिन्न मांगो को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंजीनियर्स एसोसिएशन का धरना प्रदर्शन

धनबाद। रेल इंजीनियरों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी एवं ग्रुप डी का दर्जा और सेफ्टी कमिटीयों की रिपोर्ट लागु करने की मांग को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर तले जूनियर इंजिनियर और सीनियर सेक्शन इंजिनियर्स ने सोमवार को देश भर में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर धरना दिया। धनबाद में भी रेलवे इंजीनियर्स मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मुख्य द्वार के समक्ष धरना दिया। इंजीनियरों ने रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रेलवे बोर्ड की हठ धर्मिता को इंजीनियर ने 27 दिसंबर को काला दिवस के रूप में मनाया।

सातवाँ वेतन आयोग लागु हुए तीन साल हो चुके है जब्कि इंजीनियरों के छठे वेतनमान की विषंगति दूर करने में वर्तमान सरकार विफल रही।

धरना में डेढ़ सौ इंजीनियरों ने भाग लिया। इंजीनियरों के लिए सुरक्षा कमेटियों की रिपोर्ट को लागू करने, राजपत्रित ग्रुप बी का दर्जा देने और समयबद्ध प्रमोशन देने सहित अन्य मांगों के समर्थन में रेलवे के इंजीनियर लगातार आंदोलनरत हैं। 13 दिसंबर को देश भर के इंजीनियरों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर में अधिकार रैली की ओर धरना देकर रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा था। बावजूद इसके अब तक मांगों पर विचार नहीं किया गया। एसोसिएशन के जोनल अध्यक्ष एसके दुबे ने कहा कि ट्रेड यूनियन से इंजीनियर को बाहर रखने का निर्णय हुआ था। इसे लागू करने की तिथि 30 जनवरी थी। इस तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च और फिर 30 जून एवं पुनः इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया। उपरोक्त मांगो को संसद के प्रश्न काल में अबतक 10 सांसद उपरोक्त मांगो को उठा चुके है। 100 सांसद रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री को पत्राचार कर चुके है। इसके बावजूद आज तक इंजीनियरों को तकनीकी क्षमता के अनुरूप सम्मान, सामाजिक स्तर एवं सही वेतनमान प्राप्त नहीं हुआ। सातवाँ वेतन आयोग लागु हुए तीन साल हो चुके है जब्कि इंजीनियरों के छठे वेतनमान की विषंगति दूर करने में वर्तमान सरकार विफल रही।

Last updated: दिसम्बर 27th, 2018 by Pappu Ahmad