दुर्गापुर, आईक्यू सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बुधवार को एक पुलिस जवान ने शौचालय में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जहाँ अस्पताल के सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दूसरी ओर अस्पताल के चिकित्सा व्यवस्था पर भी लोगों को संदेह हो रहा है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ही अकस्मात घटना बता रहा है। बुधवार की अहले सुबह में अस्पताल के शौचालय में एक जवान का झूलता शव बरामद किया गया।
मृतक निर्मल कुमार दास (24) दुर्गापुर बिधाननगर फर्स्ट बटालियन में रेप जवान के तौर पर कार्यरत था। मृतक उत्तर दिनाजपुर के चपरा ग्राम का रहने वाला था। मंगलवार को अज्ञात बुखार हो जाने पर आईक्यू सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह अस्पताल में शौचालय करने आए एक मरीज ने शौचालय के खिड़की में लगा लोहे के रड में निर्मल का झूलता शव देख इसकी सूचना सभी को दी।
देखते ही देखते घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस एवं विभागीय अधिकारियों को सूचना दी गई। सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुँचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। दूसरी घटना विवेकानंद अस्पताल में घटी, जहाँ बर्न यूनिट में इलाजरत सेना के जवान विश्वजीत मिश्रा (38) की मौत बुधवार उनके जन्मदिन पर हो जाने से शोक की लहर छा गई। सेना के जवान की मौत हो जाने से पूरा परिवार स्तब्ध है।
विश्वजीत मिश्रा मानकर के रायपुर ग्राम के निवासी थे। विश्वजीत असम राज्य के तेजपुर इलाके में कार्यरत थे। उनका कुछ दिन पहले प्रमोशन हुआ था। अगला पोस्टिंग जयपुर में किया गया था। जयपुर में पोस्टिंग होने के पहले 15 दिन की छुट्टी पर अपने घर मानकर आए हुए थे। जानकारी के मुताबिक 24 दिसंबर की रात परिवारिक अशांति के कारण विश्वजीत ने अपने घर के समीप काली मंदिर में जाकर किरासन का तेल शरीर पर उड़ेल कर आग लगा ली थी।
गंभीर अवस्था में उन्हें दुर्गापुर के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहाँ बुधवार की सुबह उनकी मौत हुई। मृतक जवान अपने पीछे पत्नी एवं एक पुत्री को छोड़कर गए हैं। अस्पताल में इस प्रकार जवान का झूलता शव पाए जाने को लेकर लोगों में सुरक्षा निगरानी को लेकर प्रश्न चिन्ह उभर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह आत्महत्या है अथवा इसकी हत्या की गई है?
अस्पताल प्रबंधन को एवं प्रशासन को जाँच करनी चाहिए। सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के नाम पर सुरक्षा का इंतजाम उपयुक्त नहीं है। सुरक्षा कर्मी की निगरानी रहती तो निर्मल दास को बचाया जा सकता था। इस संदर्भ में अस्पताल के मार्केटिंग अधिकारी मिसाइल दत्ता ने कहा पुलिस घटना की जाँच पड़ताल कर रही है और हम लोगों की तरफ से भी जाँच पड़ताल की जा रही है, ताकि आगे इस तरह की घटना ना घटे।