राज्य सरकार के अधीन दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड (डीपीएल) में आश्रित परिवार के द्वारा स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर 47 दिन लंबे आंदोलन करने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिलने पर आश्रितों ने वोट बहिष्कार करने का फैसला किया है। गुरुवार को आश्रितों के परिवार के सदस्यों ने दुर्गापुर महकमा शासक अर्निबान कोले को लिखित पत्र देकर लोक सभा चुनाव में वोट नहीं देने की बात कही। आश्रितों द्वारा वोट बहिष्कार की घोषणा करने पर राजनीति गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है।
उल्लेखनीय है कि डीपीएल में वर्ष 2011 के बाद करीब 130 आश्रितों को स्थाई नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है। नियुक्ति की मांग को लेकर करीब 130 आश्रितों का दल लंबे अरसे से डीपीएल गेट के समक्ष आमरण अनशन, रिले अनशन करता रहा है। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं किए जाने से आश्रितों में राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ रोष व्याप्त है।
तनिष्का चंद्र ने बताया कि पिछले दिनों 47 दिन तक लगातार आंदोलन किया गया था। डीपीएल के एमडी समेत कॉंग्रेस विधायक, भाजपा सांसद, महकमा शासक सहित विभिन्न बड़े-बड़े राजनेताओं द्वारा आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया गया था। लेकिन उसके बाद अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं कि गई है। लंबे अरसे से स्थाई नियुक्ति ना होने से घर परिवार भुखमरी में जीवन यापन कर रहे हैं।
इस लिए 130 आश्रितों के परिवार के करीब 500 सदस्यों ने लोक सभा वोट बहिष्कार करने का फैसला किया है। पाँच सदस्य कोई भी राजनीतिक पार्टी को वोट नहीं देंगे। आश्रितों ने मुख्य चुनाव आयोग को वोट वहिष्कार के लिए मेल पर पत्र भेजें है।
महकमा शासक अर्निबान कोले ने बताया कि इस समय चुनाव आचार संहिता लागू है। सभी लोग चुनाव में व्यस्त है। फिर भी हम लोग प्रयास करेंगे।