बर्द्धमान । वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को बर्द्धमान में आशा वर्कर यूनियन के तत्वाधान में आशा कर्मी, आइसीडीएस कर्मी, मिड डे मील कर्मियों, ने हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया।
बताया जाता है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी निरंतर आशा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार काम किया है। आज वेतन वृद्धि के अलावा अवसर प्राप्त उम्र 65 वर्ष करने की मांग समेत अन्य मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया।
राज्य सरकार ने रूरल आशा कर्मियों का वेतन वृद्धि करने के बावजूद भी आयरन आशा कर्मियों का वेतन वृद्धि नहीं कि गई है। आयरन आशा कर्मियों को अवसर प्राप्त होने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है। विरोध प्रदर्शन कर रही आशा कर्मी पापिया चक्रवर्ती का कहना है कि प्रायः 9 वर्षों से कोई वेतन वृद्धि नहीं हुई है। 3 हजार 125 रुपया मासिक वेतन मिल रहा है। आशा कर्मियों का न्यूनतम 21 हजार रुपया वेतन एवं अवसर प्राप्त होने के बाद 10 लाख रुपया देने की मांग की गई।
यह बिडंबना है कि कोरोना काल के समय में भी निरंतर कार्य करने वाली आशा कर्मियों का मात्र 3 हजार 125 रुपया वेतन मिल रहा है। जो उनकी मंहगाई और सेवाओं को देखते हुए बहुत कम है।
रमेस कुमार गुप्ता, बुदबुद