बीते गुरुवार को आसनसोल में एक संवाददाता सम्मेलन कर अभिषेक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी । उन्होने बताया कि भाजपा के 19 बागियों को शिवसेना ने टिकट दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बाबुल सुप्रियो को भाजपा हटा ले तो वे नामांकन नहीं करेंगे।
शिवसेना एनडीए का हिस्सा है और महाराष्ट्र में उसके साथ भाजपा का गठजोड़ है। उसके बाद भी प0 बंगाल में प्रत्याशी उतारने के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पहला कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है। दूसरा प0 बंगाल में भाजपा का ग्राफ बढ़ रहा है तभी तो भाजपा के खिलाफ शिवसेना प्रत्याशी उतार रही है। शिवसेना को अच्छी तरह पता है कि भाजपा के वोटर ही शिवसेना को वोट दे सकते हैं। तीसरा शिवसेना प0 बंगाल में एनडीए के कोटे से सीट मांग रही होगी जो नहीं मिलने से विद्रोह पर उतर गयी है। चौथा भाजपा भी अब शिवसेना को अधिक तरजीह देने के मूड में नहीं दिख रही है। हालांकि इस संवाददाता सम्मेलन का असर दिल्ली तक होगा और भाजपा अध्यक्ष जरूर इस मुद्दे पर बात करेंगे शिवसेना की शायद यही मानसिकता है कि भाजपा दबाव में आए और एनडीए कोटे से शिवसेना को प0 बंगाल में भी सीट दे। यह एक दबाव की राजनीति हो सकती है।
अब देखना है कि यह दबाव कितना कामयाब हो पाता है। यदि शिवसेना ने नामांकन भर दिया तो इसका असर महाराष्ट्र पर भी पड़ेगा और गठजोड़ के बावजूद भीतरघात की पूरी संभावना रहेगी।