रानीगंज। विजयादशमी के दूसरे दिन से ही रानीगंज बल्लभपुर पेपर मिल के लगभग 400 कर्मचारी बिना हड़ताल का आह्वान किए धरने में शामिल हो गए। यह धरना मंगलवार को चार दिन तक चला। मजदूरों की इस हरकत को देखते हुए पेपर मिल के अधिकारियों ने काम में शामिल होने के लिए पेपर मिल के गेट पर एक नोटिस टांग दिया।
फैसला तो कुछ दिन पहले ही लिया गया था, लेकिन पूजा के दसवें दिन के बाद पेपर मिल मजदूरों ने सभी मजदूर संगठनों के सदस्यों के साथ पूजा के दिनों में बिना किसी शोर-शराबे के 16 तारीख से लगातार हड़ताल का आह्वान किया। स्वाभाविक रूप से, पेपर मिल के कर्मचारियों की ऐसी हड़तालों के कारण प्रबंधन बेहद परेशान हैं। पेपर मिल संगठन के वामपंथी नेता हेमंत प्रभाकर ने बताया कि बिल प्रबंधन से वेतन वृद्धि के लिए अनेकों दफा अनुग्रह किया गया लेकिन प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं करेंगी नतीजा श्रमिक आंदोलन पर उतर आए उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 3 वर्षों से पेपर मिल के कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया।
आंदोलनकारियों का कहना है कि बोनस से पहले जो पैसा दिया जाना था, उसका भुगतान भी नहीं कि गई । पेपर मिल अथॉरिटी से मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की भी मांग की लेकिन उन्होंने मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने के लिए कोई पहल नहीं की। श्रमिकों ने कहा कि वे इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। हालांकि सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों की एक ही मांग है कि वे बिना किसी राजनीतिक रंग को देखे ही मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष में शामिल हुए हैं। इस बीच पेपर मिलों के लगातार बंद रहने से पेपर मिलों का उत्पादन ठप हो गया है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक प्रबंधन की ओर से किसी भी प्रकार का आश्वासन आदि नहीं दी गई है और आंदोलन जारी है।