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अन्वेषक वैज्ञानिक शुभजीत सेन का पार्थिव शरीर घर लौटने पर परिजनों व आस पड़ोस में मातम

अन्वेषक वैज्ञानिक का पार्थिव शारीर

पुरुलिया : सात नंबर वार्ड के दुलुमि स्थित भुयाँ पाड़ा के रहनेवाले करीब 24 वर्षीय अन्वेषक वैज्ञानिक शुभजीत सेन का पार्थिव शरीर शनिवार को घर लौटने पर उनके परिजनों सहित आस पड़ोस में मातम छा गया। वे मात्र 39 दिनों पहले ही अन्वेषण के लिए वर्फ़ीले प्रदेश अंटार्कटिका गए थे। पुरुलिया दुलमी के रहनेवाले दिलीप सेन के पुत्र शुभजीत कि प्राथमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय में हुई थी। इसके बाद मानभूम विक्टोरिया इंस्टीट्यूट से माध्यमिक करने के बाद भूतत्व विज्ञान से पुरुलिया जेके कालेज से स्नातक की। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कालेज के दिनों में ही शुभजीत ने भूतत्व अन्वेषक वैज्ञानिक बनने की सोची थी। इसके बाद भुवनेश्वर के आई आई टी स्कूल ऑफ अर्थ, ओसेन एंड क्लाइमेट साइंस से मास्टर डिग्री हासिल की। इसी दौरान नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिका एंड ओसेन रिसर्च के 37 वे इंडियन साइंटिफिक एक्सपीडिशन तो अंटार्कटिका के लिये आवेदन दिया। जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद वे अंटार्कटिका के भारतीय अनुसंधान केंद्र मैत्री में योगदान देने के लिए रवाना हो गए। वहाँ उन्होंने अपनी खोज शुरू की। इसी दौरान खोज के बीच ही 27 मार्च को एक दुर्घटना में घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। वहाँ से केंद्र सरकार की भूविज्ञान कार्यालय तथा गोवा नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिका एंड ओसेन रिसर्च के तत्वावधान में उनका पार्थिव शरीर लाने की व्यवस्था की गई। मौसम खराब होने के कारण समस्या हुई। पर बीते 12 अप्रैल को रूस के जल जहाज से उनका शव 22 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के केप टाउन लाया गया।जहाँ से कानूनी प्रक्रिया के बाद हवाई जहाज से कोलकाता दमदम हवाई अड्डे पर लाया गया। जहाँ से सड़क मार्ग से पुरुलिया लाया गया। कॉफिन के आते ही परिजनों में मातम छा गया।

Last updated: मई 5th, 2018 by News Desk