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पश्चिम बंगाल में रंगदारी का दूसरा नाम ”डंडा टैक्स” खुलेआम वाहन चालकों से लूट

आसनसोल| टोल टैक्स, रोड टैक्स, इनकम टैक्स इसे बहुतों टैक्स का नाम तो आपने जरुर सुना होगा, किंतु जिस टैक्स के नाम से ही रंगदारी और राजशाही की आभास होती है, उसे पश्चिम बंगाल में कोई माफिया और रंगदार नहीं बल्कि एमवीआई के जरिए राज्य सरकार वसूलती है, और उस टैक्स को ”डंडा टैक्स” कहते है, भारत देश का एक मात्र राज्य पश्चिम बंगाल है जहाँ आप को यहाँ की सीमा में प्रवेश करते ही मालवाहक ट्रकों को डंडा टैक्स के नाम पर मोटी रकम चुकानी पड़ती  है। आखिर यह डंडा टैक्स है क्या?… जो सिर्फ बंगाल में ही चुकानी  पड़ती है, डंडा टैक्स को लेकर (मैथन झारखण्ड) से लेकर डिबूडीह चेकपोस्ट एवं चौरंगी तक बड़े पैमाने पर दलालों के गिरोह सक्रीय है। बतातें चलें कि पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा राज्य में प्रवेश करने वाली अन्य राज्यों की रजिस्ट्रेशन वाणिज्य गाड़ियों से डंडा टैक्स  वसूलती है। जिसकी मुल्यांकन पहिया के अनुसार 3000 से लेकर 8000 के बीच है। डंडा टैक्स की वसूली बंगाल-झारखंड सिमा के निकट  राष्ट्रीय राज्यमार्ग (चौरंगी) स्थित रामपुर एमवीआई कार्यालय द्वरा किया जाता है। लेकिन ट्रक चालक एंव मालिकों को आरोप है कि डंडा पूर्ण रूप से अवैध है, इस टैक्स का भारतीय मोटर अधिनियम में कोई भी उल्लेख नहीं है, बस राज्य सरकार डंडा के जोर पर डंडा टैक्स वसूल रही है| हलाकि डंडा टैक्स को लेकर भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, डिबूडीह बॉर्डर से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करते ही राजमार्ग के पार्किंग स्थल पर भी डंडा टैक्स का दुकान और दलाल सक्रीय है। दुर्दशा का आलम यह है कि खुलेआम क्षेत्र के गुमटी, पान दुकान,लाईन होटल से लेकर पंचर दुकान तक में डंडा टैक्स का साईन बोर्ड और दलालों के नंबर लिखा हुआ है। बताया जाता है बड़े पैमाने पर यह दलाल गिरोह सक्रीय हो कर कार्य करता है, जो ट्रक चालकों से टैक्स डंडा टैक्स कटवाने के बदले मोटी रकम वसूल करते हैं, साथ ही अगर आप बिना किसी दलाल के एमवीआई कार्यालय जातें है तो आप को  वहाँ पर एंट्री के नाम पर डंडा टैक्स की निर्धारित राशी से अधिक की मांग की जायेगी। मजबूरन ट्रक चालकों को दलाल के माध्यम से ही  डंडा टैक्स कटवाना पड़ता है। ट्रक चालक अगर दलाल के माध्यम से जाते हैं, तो उन्हें कुछ रूपए चुकाना पड़ता है,। ट्रक चालकों की शिकायत है कि किसी भी राज्य में डंडा टैक्स नहीं है, लेकिन पश्चिम बंगाल में डंडा टैक्स के नाम पर जबरन वसूली की जाती है। इसके अलावा एमवीआई अधिकारी किसी भी ट्रक की कागजात में कमी निकाल कर मोती रिश्वत वसुलतें हैं। इतना ही नहीं ओवर लोड, ओवर हाईट इंट्री और पासिंग के नाम गोरख धंधा परवान पर है, ट्रकों की इंट्री गोपनीय मोबाईलों से की जाती है, जिसके लिए क्षेत्र की कई होटलों में एंट्री के लिए दलाल तैनात है, दलाल द्वारा वसूली की मोटी रकम कमीशन काट कर सीधे एमवीआई अधिकारियों तक जाता है| चालकों का यह भी कहना है कि वे अपने वाहनों के साथ पश्चिम बंगाल राज्य में प्रवेश करने से डरते हैं, रामपुर एमवीआई कार्यलय में दलालों के गिरोह के बिना यहाँ आप किसी भी कार्य के लिए सीधे नही जा सकते, देश भर की चालकों की मांग है कि मामले में प्रशासनिक जांच होनी चाहिए। एमवीआई अधिकारी एंव कुछ दलालों द्वरा जिस तरीके से ट्रक चालकों को परेशान कर अवैध रूप से वसूली की जा रही है उससे बंगाल की छवि खराब हो गई है, कई प्रकार की टैक्स के नाम पर चालकों को लूटा जा रहा है, एमवीआई अधिकारी नियम को ताख पर रख कर चालकों के साथ बदसलूकी करते है, जबकि कुछ होटल मालिक सीना ठोककर मोटी रकम लेकर अवैध ट्रकों को भी पास करवा रहे है।

Last updated: नवम्बर 1st, 2022 by Guljar Khan