बिना चाँद देखे ही व्रत तोड़ने जा रही थी अंगूरी भाभी तभी कुछ ऐसा हुआ …..
शुभांगी अत्रे उर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाभी कहती हैं कि करवाचौथ मेरे पसंदीदा त्यौहारों में से एक रहा है, ऐसा इसलिये क्योंकि ये रस्में पूरा परिवार एक साथ मिलकर निभाता है। मैं पिछले 19 सालों से यह त्यौहार कर रही हूँ और इस त्यौहार से जुड़ी लाखों यादें हैं, उनमें से सबसे खास है, 2-3 साल पहले का त्यौहार है।
मैं अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ एक जगह पर इकट्ठा हुई और इस त्यौहार को साथ मिलकर मनाया। हम सब बहुत अच्छी तरह तैयार हुए थे और चांद के आने का इंतजार कर रहे थे, ताकि व्रत तोड़ सकें। बदकिस्मती से उस शाम चांद बादलों में छुप गया, जहाँ मुश्किल से ही कुछ नज़र आ रहा था, भूखे और प्यासे, हमने काफी इंतजार किया, लेकिन जब सबने उम्मीद खो दी तो यह फैसला किया कि पूजा कर लेते हैं और व्रत तोड़ लेते हैं।
इन रस्मों को लेकर मेरे मन में बहुत श्रद्धा और प्यार है, मैं चांद को देखे बिना व्रत तोड़ने को तैयार नहीं थी। फिर ऐसा हुआ कि जब मैं घर पहुँची तो मुझे चांद की -झलक नज़र आयी और मैंने तुरंत ही पूजा की और अपना व्रत तोड़ा।
वह करवाचौथ सबसे अच्छा था क्योंकि उसने मुझे सिखाया कि कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ें और जिस चीज की आपने उम्मीद नहीं कि होती है उसके मिलने पर बहुत खुशी मिलती है। तब से लेकर आज तक इस त्यौहार में किसी तरह की अड़चन नहीं आयी और मुझे बेहद खुशी है कि किस तरह वह दिन बीता, लेकिन आखिरकार सब अच्छा रहा।
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