‘श्री श्री रविशंकर बंगाल आश्रम ‘ में तीन दिवसीय आनंद उत्सव का आयोजन किया गया
अंडाल(प0 बर्धमान) के सेंट्रल काजोड़ा स्थित ‘श्री श्री रविशंकर बंगाल आश्रम’ में उत्सव का आयोजन किया गया।
इस उत्सव में पश्चिम बर्धमान, पूर्वी बर्धमान,पुरुलिया, बांकुड़ा, वीरभूम, और मेदनीपुर के 18 वर्ष व इससे ऊपर के 610 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
लाइव ब्रीफिंग के जरिये श्री श्री रविशंकर जी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया
यह उत्सव विश्व भर के 2000 से ज्यादा आश्रमों एवं शिविरों में मनाया गया।
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी ने बैंगलोर से लाइव वेबकास्ट के जरिये सभी शिविरों में ध्यान, प्राणायाम, जीवन जीने की कला बताई।
जिस प्रकार लोग अपनी गलती को टाल देते हैं उसी प्रकार दूसरे की गलती को टाल देना चाहिए
बैंगलोर से आये आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक ब्रिजित बीघे ने लोगों को जीवन जीने की कला को विस्तार से बताया।
उन्होने कहा कि कहा कि जिस प्रकार लोग अपनी गलती को टाल देते हैं उसी प्रकार दूसरे की गलती को टाल देना चाहिए। यदि हम किसी को कहते हैं की तुम गलत हो तो उसका तीन गुणा हम खुद गलत होते हैं
क्योंकि एक अंगुली उसके तरफ करते हैं तो तीन अंगुली खुद मेरे तरफ होता है ये याद रखना चाहिए.
बिना गुरु के ज्ञान नहीं होता है
उन्होंने बताया कि बिना गुरु का ज्ञान नहीं होता है और न हीं उसका जीवन सफल होता है
इसलिए हर व्यक्ति को एक गुरु रखना चाहिए,
आत्महत्या करने वाले कायर
उन्होने आत्महत्या करने वाले को कायर बताया और ऐसा न करने की सलाह दी।
लोगों से आग्रह किया की ऐसा न करें.
यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान भी है.
सफलता का राज बताया
उन्होने कहा कि सफल वही हो सकता जो व्यक्ति खुद ज्यादा चाहने की इच्छा कम
और दूसरों की भलाई करने की इच्छा ज्यादा रखता हो और मेहनती हो.
उसके बाद प्रतिभागियों ने एक दुसरे को आपस में पुरस्कार भी दिए और लिए.
इस मौके पर आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक कुनाल रॉय,रामदास भट्टाचार्य, राहुल जयसवाल,वरिंदर सिंह साहोटा, पिलोमा सरकार,अमित चटर्जी एवं अन्य लोग उपस्थित थे .