सालानपुर । विकास की जननी कहलाने वाली फैक्ट्रियाँ यूं तो किसी भी क्षेत्र की समृद्धि की बखान के लिए काफी है, किन्तु इनकी ऊंची-ऊंची दीवारों के भीतर गरीब मजदूरों की शोषण और दोहन की गूंज अन्दर ही दब कर रह जाती है । आन्दोलन करने पर काम से निकालने की धमकी मिल जाना इन क्षेत्रों में आम बात हो चुकी है । घटना के बारे में पूछने पर मजदूर बताते है बाबू नाम मत छापियेगा नहीं तो नौकरी चली जाएगी ।
शोषण के खिलाफ मजदूरों में फूटा गुस्सा
नाकड़ाजोड़िया (देन्दुआ) से कुछ ही दूर पर स्थित एलोकुएंट स्टील प्लांट है । गुरुवार को प्लांट में कार्यरत सैकड़ों मजदूरों ने शोषण और उचित वेतन की मांग पर प्रबंधन का घेराव करते हुए 2 घंटे तक प्लांट का कार्य ठप कर दिया, साथ ही प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी की ।
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20 रुपए मजदूरी काट लेता है ठेकेदार , जो तय है वह भी न्यूनतम मजदूरी की सीमा से कम
घटना के सन्दर्भ में बताया जाता है कि प्लांट में मजदूरों को ठेकेदार द्वारा 220 रुपये भुगतान किया जाता है जबकि कंपनी ठेकेदार को 240 रुपये भुगतान करती है । मजदूरों ने कहा कि विगत कई माह से 310 रुपये दिहाड़ी देने की मांग की जा रही है किन्तु प्रबंधन और ठेकेदार से सिर्फ आश्वासन ही मिल रही है जिसके कारण आज बाध्य होकर आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ा ।
सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं
मजदूरों ने आरोप लगाया की कंपनी द्वारा सेफ्टी और सुरक्षा के लिए कोई भी उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है जिससे आये दिन मजदूरों को खतरे का सामना करना पड़ता है । प्रबंधन टेकेदार से मिलीभगत कर किसी भी मजदूर का इएसआई, पीएफ भी नहीं बनने दिया जा रहा है ।
महिला श्रमिकों के लिए शौचालय तक नहीं
क्षेत्र की सबसे बड़ी प्लांट होने का दावा करने वाली एलोकुएंट फैक्ट्री में 4 फैरो यूनिट तथा 4 इंडक्शन यूनिट है ।किन्तु महिला मजदूरों के लिए प्लांट में एक शौचालय तक की व्यवस्था नहीं कि गयी है जिससें महिलाओं को खुले में आये दिन लज्जित होना पड़ता है। मजदूरों का आरोप है कि प्लांट के भीतर एक केन्टीन तक की व्यवस्था नहीं कि गयी है ।
प्रबंधन के आश्ववासन पर शांत हुये श्रमिक
प्रबंधन द्वारा मजदूरों को 15 दिन के अन्दर सकारात्मक पहल करने के आश्वासन के बाद मजदूर शांत हुये । कंपनी एचआर मृणाल साहा से इस सन्दर्भ में पूछने पर उन्होंने बताया कि मामला ठेकेदार और मजदूर के बीच का है। मामले को लेकर ठेकेदार को बुलाया गया है । जिसपर बात किया जायेगा । साथ ही ठेकेदारों को इएसआई, पीएफ भी बनाने को कहा गया है । शौचालय पर उन्होंने कहा कि काम चलाने के लिए है, बाकि प्लानिंग में है ।
इस सन्दर्भ में तृणमूल देन्दुआ प्रभारी जेपी सिंह से पूछने पर उन्होंने कहा कि बहुत सारी मुद्दों पर शिकायत मिली है । मजदूरों को प्राथमिकता मिलना जरूरी है । मामले को लेकर कंपनी अधिकारियोंं सूचित किया गया है, जल्द ही बैठक कर समस्या का निदान कर लिया जायेगा ।