ग्राम पंचायत ने सुखा दिये सैकड़ों आम के पौैधे
अल्लाडी ग्राम पंचायत की लपरपाही!
पेड़ पौधों के बारे में बंगला में एक कहावत खूब प्रचलित है कि एकटा गाछ एकटी प्राण। अर्थात् एक पेड़ एक मानव जीवन के बराबर है। लेकिन यह बात शायद अल्लाडी ग्राम पंचायत को समझ नहीं आयी है। उचित रखरखाव न होने तथा अधिक दिनों तक कीमती पौधों के चारा को एकसाथ झुंड में रख देने के कारण जहां चारा खराब हो रहा है वहीं सूखने भी लगे हैं।
लोग पौधे बांटने में भेद-भाव का आरोप लगा रहे हैं
इस सबंध में अल्लाडी ग्राम पंचायत के निवासियों का कहना है कि पौधा बांटने में भी पंचायत भेदभाव कर रहा है और पंचायत के पांच इलाके में आम के पौधे का चारा नहीं दिया गया है।
बुधवार को जब अल्लाडी के रामचंद्रपुर में जाकर देखा गया तो तो तीन बोरे में आम के इन पौधों के सूखे पत्ते को भरकर रखा गया था। इसकी देख रेख एवं पौधों में पानी देने वाले मदन किस्कु ने बताया कि लोगों को पौधे नहीं बांटे जा रहे हैं तो हम क्या करें। 15 दिनों से ऐसे ही यहां पौधों को रखा है गया है। पौधों का क्या किया जाएगा यह तो प्रधान ही बता सकता है।
पंचायत द्वारा बगीचा तैयार करने के लिए रखे थे पौधे
इस सबंध में अल्लाडी ग्राम पंचायत के उपप्रधान उज्जवल मंडल ने बताया कि पंचायत द्वारा वहां बगीचा तैयार करना है जिसमें 6 सौ आम के पौधे लगाये जाएंगे इस लिए पौधों को रखा गया है। पौधों के सिर्फ पत्ते सुखे हैं जिसे कल से लगाया जाएगा। 10 हजार पौधे मिले थे जो बांटा जा चुका है।
नेशनल मिशन फोर सस्टेनेबेल एग्रीकल्चर के तहत सीमित जगहों के लिए दिये गए पौधे
यह पूछे जाने पर कि पंचायत के वृंदावानए कालीपाथर धांगुड़ी एवं डोमदाहा इलाके में आम के पौधे क्यों नहीं बांटे गये तो इस पर उन्होने कहा कि हमलोग का प्रधान पम्पा लायक का घर खुद धांगुड़ी में है फिर भी प्रधान के इलाके में भी पौधे नहीं दिये गये।
यह सिर्फ पांच मौजा के उपर ही स्कीम चालू किया गया है। जिसके लिए नेशनल मिशन फोर सस्टेनेबेल एग्रीकल्चर जल विभाजिका ने 10 हजार पौधे दिये गये हैं। इसके साथ ही खाद एवं 17 किवंटल मछली का चारा आदि भी दिया गया है। एनआरजीएस स्कीम के तहत जल्द ही पौधों को लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
प्रखंड के कृषि विकास पदाधिकाारी ने झाड़ा पल्ला
इस सबंध में सालानपुर प्रखंड के कृषि विकास पदाधिकाारी चंदन कोनार ने बताया कि वे पौधे हमने नहीं दिये हैं। पौधा सूखने का मामला अल्लाडी पंचायत का है। उपप्रधान से बात कीजिए।
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