जिले में पहली बार आदिवासी जात्रा उत्सव
तथ्य सांस्कृतिक विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित पश्चिम बंगाल जात्रा अकादमी के सहयोग से सालानपुर ब्लॉक स्थित अल्लाडी ईश्वरचंद्र एमएसके प्राथमिक विद्यालय मैदान परिसर में तीन दिवसीय लोकसंगीत एवं आदिवासी जात्रा उत्सव का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की शुरूआत 4 जनवरी शाम 6 बजे आसनसोल के अतिरिक्त्त जिला शासक प्रशान्त मण्डल, सभाधिपति सुभद्रा बाउरी, आसनसोल मेयर तापस बनर्जी सह बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय ने संयुक्त रूप से प्रदीप उज्जवलित करके किया ।
4 से 6 जनवरी होने वाले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में बंगाल से आए हुए विभिन्न कलाकार ने अपना कलाकारी प्रदर्शन करेंगे। साथ में आदिवासी नृत्य, संगीत नाटक एवं लोक संगीत उत्सव का भी आयोजन किया गया । उत्सव के दौरान प्रतिदिन कलाकारों द्वारा शाम 6 बजे प्रस्तुतियाँ दी जाएगी।
जिला में पहली बार यह आयोजन
जिला में पहली बार यह आयोजन किया जा रहा है । जिसमें राज्य से आये हुए विभिन्न कलाकार एवं पुरुलिया के छाऊ नृत्यकारियों का समावेश नजर आया । कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल सांस्कृतिक अकादमी के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति किया गया ।
उत्सव के पहले दिन का प्रमुख आकर्षण फोक सिम्फनी ‘झंकार’ रहा। इसमें सुर रसिकों को विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्रों एक साथ देखने, सुनने का अवसर मिला। झंकार में कमायचा, सिन्धी सारंगी, मोरचंग, चौतारा, चिमटा, ढोल, थाली, मटका, पुंग ढोल चोलम, ढफ, नगाड़ा, बांसुरी, तुतारी, नाल, ढोलकी, मुगरवान, ताशा, निशान, नादस्वर, तविल, गिड़दा, पम्बई, मुरली, खड़ताल आदि वाद्य एक-एक कर जुड़ते रहे और लयकारी को गति मिलती गई। प्रस्तुति के चरम पर पहुँच कर लोक कलाकारों ने लयकारी पर सामूहिक प्रस्तुति कर लोक संस्कृति की अनूठी मिसाल पेश की।
मौक़े पर सालानपुर ब्लॉक आधिकारिक तपन सरकार ,पूर्व जिला सभाधिपति विश्वनाथ बाउरी,सालानपुर पंचायत समिति के सभापति फल्गुनी कर्मकार घाषि ,जिलापरिषद तथा खुद शिल्प कारीगरी के विभागाध्यक्ष महम्मद आरमान,रूपनारायणपुर पंचायत प्रधान रानू राय ,उज्ज्वल मण्डल ,कैलाशपति मण्डल ,ने सांस्कृतिक अनुष्ठान का खूब आनंद उठाया ।
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