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सिद्धाबाड़ी ग्राम को आदर्श ग्राम क्यों नही बना पाये बाबुल …….?

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टूटी-फूटी सड़क पर साइकिल से पीने का पानी ले जाती महिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसदो ने एक-एक गाँव को गोद लिया था। इसके पीछे का तर्क यह था कि जिन गाँवो को सांसद महोदय गोद ले रहे है, उस गाँव को आदर्श गाँव बनाया जाएगा। जहाँ हर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ ही उक्त गाँव आधुनिक होगा। ग्रामीणों को रोजगार, उच्च स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान की जाएगी।

प्रधानमंत्री के इसी मुहिम के तहत आसनसोल के भाजपा सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल के करीब , सलानपुर थाना क्षेत्र के सिदाबाड़ी गाँव को गोद लिया था परंतु बाबुल अपने पाँच वर्षों के कार्यकाल में गोद लिए गाँव सिदाबाड़ी को आदर्श ग्राम बनाने में असफल रहे।

गाँव में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है

मजे की बात यह है कि आदर्श ग्राम तो छोड़िए सड़क, पानी आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं भी इन ग्रामीणों को सांसद महोदय मुहैया नहीं करा पाये हैं । यानि कि मोदी सरकार के आदर्श ग्राम का वायदा झूठा साबित हुआ है।

बाबुल सुप्रियो का आरोप सत्तादल काम नहीं करने देती है

गाँव की खस्ताहाल सड़क

इसके पीछे सांसद सह मंत्री बाबुल सुप्रियो तर्क देते नहीं थकते कि उन्हें सत्ता दल के मेयर, मंत्री और नेतागण कार्य नहीं करने देते है, उनके कार्यों में तृणमूल कॉंग्रेस अड़ंगा लगाती है। चलिये मान लेते है कि उनका आरोप सही है। लेकिन उन्हें इन बातों का भी जवाब देना चाहिए कि क्या इसके लिए वे कभी आंदोलन किए है।

जैसा कि हमेशा देखा गया कि भाजपा द्वारा आयोजित किसी भी सभा या कार्यक्रम में पुलिस द्वारा या सत्ता दल द्वारा रुकावट पैदा की जाती है, तो बंगाल भाजपा से लेकर केंद्र तक के नेता सक्रिय हो जाते है। आंदोलन करते है, यहाँ तक कि हाई कोर्ट तक चले जाते है।

सांसद मेला के लिए उच्च अदालत गए थे बाबुल

कुछ वर्षों पूर्व आसनसोल के लोको ग्राउंड में सांसद सह मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सांसद मेला का आयोजन किया था जिसमें सांसद महोदय ने आरोप लगाया था कि आसनसोल नगरनिगम मेयर जानबूझ कर उनके सांसद मेले को स्थगित करवाना चाहते है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं मिल रही है।

ज्ञात हो कि बाबुल सुप्रियो अपने सांसद मेला का आयोजन के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर किए थे। वहाँ से अनुमति मिलने के बाद सांसद मेला का आयोजन हुआ था। इसबात पर भाजपा नेताओं और समर्थकों ने खुशियाँ भी मनाई थी कि उनकी जीत हुई है। ऐसे और भी कई उदाहरण है।

सिद्धाबाड़ी ग्राम के उच्च अदालत क्यों नहीं गए बाबुल

जनता के लिए किए जा रहे अन्य कार्यों में जब सत्ता दल रुकावट पैदा कर रही थी, जैसा कि बाबुल सुप्रियो आरोप लगाते है, तो क्या जनता के लिए वे कभी आंदोलन किए या फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाये है। यदि सिदाबाड़ी गाँव को आदर्श ग्राम बनाने में सत्तादल अड़ंगा लगा रहे थे तो क्या उन्हें जनता की भलाई के लिए आंदोलन नहीं करना चाहिए था जैसा भाजपा अन्य मामलों में करती रही है  ?

सौगात ले सीधाबाड़ी पहुँचे बाबुल सुप्रियो कहा सीधाबाड़ी आदर्श ग्राम के में 1 करोड़ 5 लाख खर्च किया

Last updated: अप्रैल 7th, 2019 by News Desk