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अंबेडकर स्कूल बना राजनीतिक अखाड़ा, आजसु ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

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संवाददाता सम्मेलन करते आजसु क नेतागण

लोयाबाद अंबेडकर स्कूल बना राजनीतिक अखाड़ा

लोयाबादः-लोयबाद हटिया स्थित लगभग बीस वर्षों से संचालित अम्बेडकर एकाडमी स्कूल का विवाद दिन प्रतिदिन नया मोड़ लेती जा रहा है,एवं पल पल राजनीति का अखाडा बनती जा रहा है। लोयाबाद क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग के अथक प्रयासों से लगभग 20वर्ष पूर्व रखी गई थी इस विद्या के मंदिर की नींव । आज आपसी स्वार्थ के कारण स्कूल में पढ रहे बच्चों का भविष्य अंधाकारमय नजर आ रहा है। दिन प्रतिदिन स्कूल प्रबंधन समिति और स्थानीय राजनीति दलों के बीच विवाद की खाई बढ़ती जा रही है।

विधायक ढुललु महतो ने विद्यालय को राजनीति से दूर रखने के लिए कहा

स्थानीय लोगों के आग्रह पर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो स्वयं विद्यालय पहुँचकर प्राचार्य से मिलकर समस्याओं से अवगत हुए । उन्होंने प्राचार्य से किसी के दबाव में आकर विद्यालय को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाने की बात कही थी । उन्होंने विरोधियों को चेतावनी भी दिया था कि अगर शिक्षा के मंदिर में राजनीति हुआ तो इसका कडा विरोध किया जाएगा।

विद्यालय के खिलाफ आजसु ने किया संवाददाता सम्मेलन

रविवार को लोयाबाद दुर्गा मंदिर प्रांगण में आजसू पार्टी के वार्ड 7 और 8 के अध्यक्ष विनोद पासवान, प्रेम रवानी तथा संतोष महतो ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता कर कहा कि लोयाबाद हटिया मैदान स्थित संचालित अम्बेडकर एकाडमी विद्यालय फर्जी तरीके से चल रही है। शिक्षा विभाग जाँँच कर अविलंब बिद्यलाय को बंद करवाऐ। विद्यालय के पास सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। फर्जी तरीके से यहाँ के अभिवावकों से उनकी गाढ़ी कमाई को ठगा जा रहा है । विद्यालय का अपना भवन नहीं है। बी सी सी एल के जमीन पर भवन बना हुआ है , फिर भी बच्चों से फीस केे नाम पर मोटी रकम की वसूली वर्षों से की जा रही है।

प्रिंसिपल की योग्यता पर सवाल

नेताओं ने कहा कि विद्यालय में योग्यता विहीन प्रिंसिपल है । उनका उम्र लगभग 77 वर्ष है जो पूर्व में बी सी सी एल से रिटायर्ड कर्मचारी है । यह विद्यालय बिना प्रबंधन समिति के चलाया जा रहा है जो सरासर गलत है और इस विद्यालय में शिक्षकों का चयन नियम को ताक पर रख कर किया गया है ।

विद्यालय संचालक पर दर्ज हो मुकदमा नहीं तो आजसु करेगी आंदोलन

यदि युक्त विद्यालय शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के धारा 18 का अनुपालन नहीं करती है। तो विद्यालय फर्जी है जिस पर तुरन्त करवाई होनी चाहिए ।नेताओं ने झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग से जाँच कर शीघ्र कार्यवाही करने की माँग की ओर कहा कि विद्यलाय संचालक पर ठगी का मुकदमा दर्ज करें अगर ऐसा नहीं किया गया तो आजसू पार्टी उग्र आंदोलन करेगी।

विद्यालय के प्रचार्य डी मुखर्जी ने लग रहे आरोपों के संबंध में पूछने पर जानकारी दिये कि विद्यालय का प्रिंसिपल मेरी पत्नी बेला मुखर्जी थी जिसकी लम्बी बीमारी के कारण मौत हो गयी । तभी विद्यालय प्रबंधन समीति ने मुझे तत्कालीन प्रिंसिपल बना दिया गया था । इसके अलावे 5 वर्ष पूर्व शिक्षा विभाग को विद्यालय को पंजीकृत करने के लिए प्रोसेस किया है पर अभी तक नहीं हुआ है ।

विद्यालय पंजीयन की प्रक्रिया लंबित है

प्रत्येक वर्ष विद्यालय का ओडीट जाँच की जाती है । शिक्षा विभाग से बहुत आग्रह करने पर एक लोगों दिया गया है , जिससे अब हमारे बच्चे को दूसरे विद्यालय में नामांकन कराने में कठिनाई नहीं होती है । साथ ही साथ एक ट्रस्ट बन गया है । बहुत जल्द ही विद्यालय का संचालन इसी से किया जाएगा । प्राचार्य ने सवाल करते हुए विरोधियों से पूछा कि 20 वर्षों से स्कूल संचालित है, आज तक कोई आरोप नहीं लगा, आज ऐसा क्या हो गया कि विद्यालय में इतनी कमीयाँ नजर आ रही है,जबकि इस विद्यालय में आसपास के ही बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश का हिस्सा बताया।

क्या हासिल होगा इस संवाददाता सम्मेलन

एक विद्यालय के खिलाफ एक वार्ड में संवाददाता सम्मेलन कर एक छोटे से मसले को जिस तरह से राजनीतिक स्तर पर तूल दिया जा रहा है वह आश्चर्यजनक है। यदि विद्यालय के खिलाफ कोई शिकायत है तो नियमों के तहत संबन्धित विभाग में शिकायत की जानी चाहिए। एक विद्यालय के लिए राज्य स्तरीय एक पार्टी यदि आंदोलन को चेतावनी देती है तो एक राजनीतिक हथकंडा के अलावा इसे और कुछ नहीं कहा जा सकता है। अभी चुनाव का समय है और हर पार्टी और उसके नेता खुद को चर्चा में बनाए रखना चाहते हैं लेकिन उसके लिए विद्यालय का इस्तेमाल करना गलत है। जनता के बहुत से अनसुलझे मुद्दे हैं उस पर आंदोलन करने के बजाय एक विद्यालय के खिलाफ उग्र आंदोलन करके आखिर हासिल क्या होगा ?

Last updated: मार्च 24th, 2019 by Pappu Ahmad