
भारतीय प्रेस परिषद को स्वीकार करने और सम्मानित करने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन पुरे भारत देश में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की उपस्थिति का प्रतीक है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी भारतीय प्रेस के रिपोर्टस की गुणवत्ता की जांच करती है और पत्रकारिता गतिविधियों पर नजर रखती है.स्वतंत्र प्रेस को अक्सर बेजुबानों की आवाज कहा जाता है, जो सर्वशक्तिशाली शासकों और दलित शासितों के बीच की एक अहम् कड़ी का रोल प्रदान करने का कार्य करती है. यह सही मायनों में अव्यवस्था की बुराइयों और व्यवस्था को सामने लाता है और शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली के मूल्यों को मजबूत करने की प्रक्रिया में सरकार को इनका समाधान खोजने में मदद करता है. कोई आश्चर्य की बात नहीं हैं कि इसे एक मजबूत लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक क्यों कहा जाता है, और एकमात्र ऐसा जहां आम लोग सीधे भाग लेते हैं. अन्य तीन कार्यपालिका,विद्याईका और न्यायपालिका हैं. प्रेस परिषद भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका निर्माण स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी स्वतंत्र प्रेस की रक्षा के लिए किया गया था. इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए यह लगातार काम करता है कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता को बनाये रखने हेतु इसका पारदर्शी होना भी काफी महत्पूर्ण हैं इसीलिए आज प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता हैँ तभी तो एक पत्रकार स्वतंत्र रूप से निर्भीक होकर पत्रकारिता करता हैँ आज के इस महत्वपूर्ण प्रेस दिवस पर हमारे मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क की पूरी टीम की ओर से सबों को पत्रकारिता दिवस की बधाई, धन्यवाद,,,,,

